सप्त तेल का उपयोग: श्वेत कुष्ठ के उपचार के लिए प्रभावी उपाय
दादा मदन लाल जी द्वारा विकसित सप्त तेल का प्रयोग श्वेत कुष्ठ के उपचार में एक प्रभावी उपाय है। यह प्रयोग पिछले तीन-चार दशकों से निराश रोगियों के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। जानें इस तेल के मिश्रण की विधि और इसके उपयोग के तरीके, जो पुराने श्वेत कुष्ठ के मामलों में लाभकारी हो सकते हैं। इस उपचार के लिए आवश्यक सामग्री और विधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
| Dec 26, 2025, 08:12 IST
सप्त तेल का अनुभूत प्रयोग
दादा मदन लाल जी द्वारा प्रस्तुत यह प्रयोग, जो पिछले तीस-चालीस वर्षों से निराश रोगियों के लिए उपयोग में लाया जा रहा है, श्वेत कुष्ठ के पुराने मामलों में लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
आवश्यक सामग्री:
- बावची तेल 10 मिली
- चाल मोगरा तेल 10 मिली
- लौंग तेल 10 मिली
- दालचीनी तेल 10 मिली
- तारपीन तेल 10 मिली
- श्वेत मिर्च का तेल 20 मिली
- नीम तेल 40 मिली
सप्त तेल तैयार करने की विधि और उपयोग:
- इन सभी तेलों को मिलाकर सुबह और शाम अच्छी तरह से मालिश करें। चाहे श्वेत कुष्ठ कितना भी पुराना क्यों न हो, यह प्रयोग उसे ठीक करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में चार से सात महीने का समय लग सकता है, इसलिए धैर्य बनाए रखें। यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसमें 50 मिली नारियल तेल मिलाने से इसकी शक्ति कम हो जाएगी।
- स्रोत: स्वदेशी चिकित्सा के चमत्कार, दादा मदन लाल जी का गुरु प्रदत्त अनुभूत प्रयोग।
