सपोटरा में महापंचायत: ग्रामीणों ने वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र के निर्णय का विरोध किया

महापंचायत का आयोजन
सपोटरा, 20 सितम्बर 2025: गांव बचाओ आंदोलन के तहत शनिवार को मारमदा चौराहा, सपोटरा में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत की अध्यक्षता रमेश चंद मीणा रिहार ने की, जिसमें सर्व समाज के हजारों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। ग्रामीणों ने एक स्वर में सरकार के हाल के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र घोषित करने संबंधी फैसलों का कड़ा विरोध किया।
महापंचायत की प्रमुख मांगें
प्रमुख मांगें
महापंचायत में पारित प्रस्तावों में केंद्र और राज्य सरकार से निम्नलिखित मांगें प्रमुख रहीं:
केलादेवी अभयारण्य, करौली-धौलपुर टाइगर रिजर्व सेंचुरी और बंध बरेठा सेंचुरी को तत्काल निरस्त किया जाए।
पांचवीं अनुसूची, PESA एक्ट, और वन अधिकार अधिनियम 2006 का पूर्ण कार्यान्वयन।
आवासीय, वन अधिकार अधिनियम, और कृषि भूमि पर खातेदारी पट्टे जारी करने के लिए विशेष कानून बनाया जाए।
आंदोलन की रणनीति
आंदोलन की रणनीति
पंचायत ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि:
कोई भी ग्रामवासी वन विभाग के कार्यों में सहयोग नहीं करेगा।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में 'गांव बचाओ समिति' का गठन किया जाएगा।
आगामी 5 अक्टूबर को श्यामपुर देवनारायण में 23 ग्राम पंचायतों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी।
महापंचायत में उपस्थित प्रमुख लोग
प्रमुख उपस्थित लोग
सभा में गांव बचाओ आंदोलन के संयोजक मोहन सिंह गुर्जर, समाजसेवी सतबीर चंदेला, किसान नेता वीरेंद्र मोर, रामेश्वर दयाल (पूर्व कस्टमस अधिकारी, खिन्नोट, धौलपुर), प्रहलाद मीणा (सवाई माधोपुर), भरत लाल फौजी, रामनारायण राहर, रामकेश चपराना, लोकेश फौगाट, हरबिलास अरोड़ा, गिर्राज जी, ऋषिकेश (सरपंच, केलादेवी), बलबीर गुर्जर (सरपंच, अमरगढ़), बिजेंद्र गुर्जर (बहादुरपुर), श्री मोहन (पितुपूरा), और गणेशा नंद बाबा प्रमुख रूप से शामिल हुए।
संचालन और चेतावनी
संचालन और चेतावनी
महापंचायत का संचालन हरिसिंह बमेडा और गिर्राज केमोखरी ने किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और इसे पूरे करौली-धौलपुर क्षेत्र में फैलाया जाएगा।