सनी नेहरा का किरणा हिल्स थ्रेड: उपग्रह चित्रों से पुष्टि

सार्वजनिक खुफिया की शक्ति का प्रमाण
हाल ही में उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह चित्रों ने सनी नेहरा द्वारा साझा किए गए एक वायरल थ्रेड की सटीकता की पुष्टि की है। नेहरा, जो भारत के प्रमुख एथिकल हैकर और साइबर सुरक्षा शोधकर्ता हैं, ने किरणा हिल्स विस्फोट पर अपने विश्लेषण में खुलासा किया है कि यह काम ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) का सबसे प्रभावशाली उदाहरण है।
किराना हिल्स विवाद: पृष्ठभूमि
किराना हिल्स, जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है, लंबे समय से गुप्त सैन्य गतिविधियों से जुड़ा रहा है। यह क्षेत्र 1980 के दशक में पाकिस्तान के गुप्त परमाणु परीक्षणों का स्थल माना जाता है। हाल ही में, एक विस्फोट की वायरल तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी।
सनी नेहरा का वायरल थ्रेड
सनी नेहरा ने 11 मई 2025 को X पर एक विस्तृत OSINT विश्लेषण साझा किया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वीडियो और तकनीकों का उपयोग करते हुए किरणा हिल्स पर हमले के स्थान को सटीक रूप से पहचाना। उनके थ्रेड ने न केवल सामान्य पाठकों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि शीर्ष मीडिया चैनलों और रक्षा विश्लेषकों से भी सराहना प्राप्त की।
उपग्रह चित्रों से पुष्टि
कुछ हफ्तों बाद, नए उपग्रह चित्रों ने नेहरा के दावों की पुष्टि की। Google Earth के नए चित्रों में स्पष्ट रूप से विस्फोट के कारण हुए भू-आकृति परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं।
OSINT में मास्टरक्लास
सनी नेहरा का काम न केवल सटीकता में बल्कि तकनीक में भी अद्वितीय है। उनका किरणा हिल्स थ्रेड कई विशेषज्ञों द्वारा 'भौगोलिक खुफिया में मास्टरक्लास' के रूप में माना जा रहा है।
नेहरा के खुलासे के बड़े निहितार्थ
नेहरा के विश्लेषण की पुष्टि के साथ, OSINT पर विश्वास बढ़ा है। उनकी खोजों ने यह साबित किया है कि ओपन-सोर्स उपकरण पारंपरिक खुफिया संग्रह विधियों के समान प्रभावी हो सकते हैं।
वैश्विक मान्यता
सनी नेहरा, जो 26 जून 1996 को जन्मे थे, अब 29 वर्ष के हैं और उन्हें भारत का शीर्ष एथिकल हैकर माना जाता है। उनके कार्यों ने स्वतंत्र शोधकर्ताओं के लिए एक नया मानक स्थापित किया है।
निष्कर्ष: एक थ्रेड जिसने खेल बदल दिया
सनी नेहरा का किरणा हिल्स थ्रेड एक ऐसा उदाहरण है जो दिखाता है कि कौशल, धैर्य और सही उपकरणों के साथ क्या हासिल किया जा सकता है।