सत्येंद्र जैन की संपत्तियों पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 12.25 करोड़ रुपये की कुर्की

ईडी की कार्रवाई का विवरण
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र कुमार जैन से संबंधित कंपनियों से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कार्रवाई 15 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई। ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच 2017 में दर्ज एक सीबीआई मामले से शुरू हुई, जिसमें जैन पर आरोप है कि उन्होंने फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। सीबीआई ने दिसंबर 2018 में जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया था। मार्च 2022 में, ईडी ने इस मामले में 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी, जिस पर बाद में दिल्ली की एक अदालत ने संज्ञान लिया। अब तक कुर्क की गई कुल राशि 12.25 करोड़ रुपये हो गई है, जो जैन द्वारा कथित रूप से अर्जित आय से अधिक संपत्ति का प्रतिनिधित्व करती है।
नोटबंदी के बाद की गतिविधियाँ
ईडी के अनुसार, नवंबर 2016 में नोटबंदी के तुरंत बाद, सत्येंद्र जैन के करीबी सहयोगियों अंकुश जैन और वैभव जैन ने आय प्रकटीकरण योजना (आईडीएस) के तहत अग्रिम कर के रूप में 7.44 करोड़ रुपये नकद जमा किए थे। उन्होंने चार कंपनियों के नाम पर 16.53 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो बाद में अधिकारियों द्वारा सत्येंद्र जैन के स्वामित्व और नियंत्रण में पाई गईं। आयकर विभाग और दिल्ली उच्च न्यायालय ने जैन के सहयोगियों को बेनामी धारक माना, और सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस निष्कर्ष को बरकरार रखा।
सीबीआई के साथ साझा किए गए निष्कर्ष
इसके बाद, ईडी ने अपने निष्कर्ष सीबीआई के साथ साझा किए, जिसने जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों को बढ़ाते हुए एक पूरक आरोपपत्र दायर किया। ईडी ने कहा है कि वह जल्द ही इस मामले में एक पूरक अभियोजन शिकायत दर्ज करेगा। इस बीच, नई दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।