सत्यपाल मलिक का 79वां जन्मदिन: एक राजनीतिक यात्रा की कहानी
सत्यपाल मलिक, जो आज 79 वर्ष के हो गए हैं, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण नाम हैं। उनका जन्म 24 जुलाई 1946 को हुआ और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में की। उन्होंने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर कार्य किया, जिसमें बिहार और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल शामिल हैं। उनके राजनीतिक सफर में अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है। इस लेख में हम उनके जीवन की कुछ रोचक जानकारियों पर चर्चा करेंगे।
Jul 24, 2025, 11:30 IST
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सत्यपाल मलिक का जन्मदिन
आज, 24 जुलाई को, मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने मेघालय के अलावा बिहार और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया है। उनका राजनीतिक करियर 1974 में शुरू हुआ, जब उन्होंने चौधरी चरण सिंह के साथ निकटता के कारण राजनीति में कदम रखा। आइए, उनके जन्मदिन के अवसर पर सत्यपाल मलिक के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...
जन्म और शिक्षा
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को बागपत के गांव हिसावदा में हुआ। उनके पिता, बुद्ध सिंह, उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग में नायाब तहसीलदार थे, जबकि उनकी मां का नाम जगनी देवी था। जब वह केवल ढाई साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद उनकी मां उन्हें अपने मायके हरियाणा के चरखी दादरी ले गईं। सत्यपाल की प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई, और उन्होंने मेरठ कॉलेज से बीएससी और 1970 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान, वह दो बार मेरठ कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे।
राजनीतिक करियर
सत्यपाल मलिक ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में की। 1974 में, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के कहने पर, उन्होंने भारतीय क्रांति दल में शामिल होकर बागपत सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। आपातकाल के दौरान 1977 में उन्हें जेल भी जाना पड़ा। 1980 से 1985 तक, वह लोकदल से राज्यसभा के सांसद रहे और फिर 1985 से 1989 तक कांग्रेस से राज्यसभा सांसद बने। बोफोर्स विवाद के कारण उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर पूर्व पीएम वीपी सिंह के जनमोर्चा में शामिल हो गए।
अनुच्छेद 370 और 35 ए का हटना
1989 में, सत्यपाल मलिक जनता दल के उम्मीदवार के रूप में अलीगढ़ से लोकसभा चुनाव जीते। इस दौरान, वह केंद्र सरकार में संसदीय मंत्रालय और पर्यटन राज्यमंत्री बने। 1996 में, अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सपा के उम्मीदवार के रूप में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2004 में, बागपत लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर चौधरी अजित सिंह से हार मिली। इसके बाद, वह 2012-13 में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे।
2017 में, सत्यपाल मलिक बिहार के राज्यपाल बने और 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल रहे। इस दौरान, उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2019 में, वह गोवा के राज्यपाल रहे और फिर 2020 में मेघालय के राज्यपाल बने।