सऊदी अरब बस हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री की कहानी
सड़क दुर्घटना ने 42 भारतीयों की जान ली
सऊदी बस एक्सीडेंट
मक्का-मदीना राजमार्ग पर एक भयानक सड़क दुर्घटना में 42 भारतीयों की जान चली गई, जिसने सभी को झकझोर दिया। 24 वर्षीय मोहम्मद अब्दुल शोएब, जो इस बस में सवार थे, नींद न आने के कारण जागते रहे, जबकि अन्य 45 यात्री गहरी नींद में थे। इस वजह से, उन्होंने ड्राइवर के पास जाकर बातचीत करना शुरू किया, जो उनकी जान बचाने का कारण बना।
जब हादसा हुआ, शोएब और ड्राइवर ने बस से कूदकर अपनी जान बचाई। बस एक तेल टैंकर से टकराने के बाद आग की लपटों में घिर गई, जिससे 42 भारतीय यात्री इसकी चपेट में आ गए। अन्य यात्री सोते रहे और आग ने पल भर में बस को अपनी चपेट में ले लिया।
शोएब के एक रिश्तेदार मोहम्मद तहसीन ने बताया कि सुबह लगभग 5:30 बजे शोएब ने फोन करके बताया कि वह इस हादसे से बच गए हैं, जबकि अन्य सभी लोग आग में फंस गए। बाद में पता चला कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शोएब के परिवार के सदस्य नहीं बच सके
हैदराबाद के झिर्राह में नटराजनगर कॉलोनी के निवासी शोएब अपने माता-पिता अब्दुल कादिर और गौसिया बेगम के साथ-साथ अपने दादा और चाचा के तीन अन्य सदस्यों के साथ उमराह के लिए सऊदी अरब गए थे।
तहसीन ने बताया कि शोएब के इलाके के चार अन्य लोग मक्का में रुक गए थे। हादसे के बाद, शोएब ने उनमें से एक को फोन किया और घटना की जानकारी दी। शोएब को बस से कूदने के कारण चोटें आई हैं और वह फिलहाल मदीना के एक जर्मन अस्पताल में भर्ती हैं।
यात्री मक्का में उमरा की रस्में पूरी कर रहे थे
ये तीर्थयात्री मक्का में अपनी उमरा की रस्में पूरी कर चुके थे और मदीना जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। सभी मृतक हैदराबाद के निवासी थे। हज यात्रियों के रिश्तेदार हज हाउस में अपने प्रियजनों की जानकारी लेने पहुंचे। कुछ लोग उम्मीद के साथ ट्रैवल ऑपरेटरों और अधिकारियों के दफ्तरों की ओर दौड़े। लेकिन शोएब के अलावा किसी अन्य भारतीय यात्री की जान नहीं बच पाई।
