संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की तैयारी, प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की योजना बनाई जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति की मांग की गई है। यह चर्चा 28 और 29 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा में होगी। विपक्ष ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का श्रेय लिया। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
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संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की तैयारी, प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का कार्यक्रम

बुधवार को आई विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा अगले मंगलवार, 28 जुलाई को होने की संभावना है। सरकार ने इस मानसून सत्र में दोनों सदनों के लिए इस विषय पर 16 घंटे का समय निर्धारित किया है। लोकसभा में चर्चा सोमवार को होगी, जबकि राज्यसभा में यह मंगलवार, 29 जुलाई को आयोजित की जाएगी। रिपोर्टों में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह के बोलने की उम्मीद है। विपक्ष ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सदन और देश को संबोधित करने की मांग की है।


राज्यसभा की बैठक और चर्चा की तैयारी

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक बुधवार को हुई, जिसमें 29 जुलाई को उच्च सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने का निर्णय लिया गया। सूत्रों के अनुसार, आम सहमति बनने के बाद अगले हफ्ते लोकसभा में इस विषय पर विशेष चर्चा की संभावना है, जिसमें 16 घंटे का समय आवंटित किया जाएगा। विपक्षी दलों ने यह भी मांग की है कि इस बहस के दौरान प्रधानमंत्री मोदी उपस्थित रहें।


अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान और विपक्ष की प्रतिक्रिया

यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का श्रेय लिया है, जिस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रंप अपने दावों को 25 साल पूरे कर चुके हैं और पिछले 73 दिनों में 25 बार यह बात दोहरा चुके हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी "पूरी तरह से चुप हैं और उन्हें केवल विदेश यात्रा करने और देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं को अस्थिर करने का समय मिल रहा है।"