संसद में VB-G Ram G बिल पर गरमाई राजनीति, विपक्ष ने किया विरोध

संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन VB-G Ram G बिल पर गरमाई बहस हुई, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने रातभर धरना दिया। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह बिल गरीबों और किसानों के खिलाफ है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस बिल को ग्रामीण रोजगार को नया ढांचा देने वाला बताया। जानें इस विवादित बिल के बारे में और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं।
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संसद का शीतकालीन सत्र और विवादित बिल

संसद में VB-G Ram G बिल पर गरमाई राजनीति, विपक्ष ने किया विरोध


संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया। आधी रात के बाद पारित हुए VB-G Ram G बिल ने न केवल सदन में, बल्कि संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने रातभर धरना दिया और विपक्ष ने सरकार पर गरीबों और किसानों के खिलाफ निर्णय लेने का आरोप लगाया।


आधी रात का निर्णय और विपक्ष की अनुपस्थिति

गुरुवार की रात लगभग 12:30 बजे, राज्यसभा में विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G Ram G बिल, 2025 को ध्वनिमत से पारित किया गया। हालांकि, इससे पहले विपक्षी दलों ने हंगामा किया और बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग करते हुए सदन से बाहर चले गए। विपक्ष की अनुपस्थिति में बिल के पारित होने को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।


संसद परिसर में धरना प्रदर्शन

बिल के पारित होते ही TMC सांसदों ने संसद परिसर में धरना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि यह कानून महात्मा गांधी के रोजगार गारंटी के सिद्धांत पर हमला है। TMC नेताओं ने इसे किसानों और ग्रामीण गरीबों के खिलाफ बताया। शुक्रवार सुबह तक विरोध जारी रहा, और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गईं।


सरकार का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कहा, "मैंने विपक्ष से गंभीर और सार्थक चर्चा की उम्मीद की थी, लेकिन उन्होंने केवल निराधार आरोप लगाए।" सरकार का दावा है कि नया कानून 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण रोजगार को नया ढांचा प्रदान करेगा।


विपक्ष का कड़ा विरोध

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जनता इस बिल को कभी स्वीकार नहीं करेगी। वहीं, कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इसे मजदूरों के लिए "सबसे दुखद दिन" बताया। अन्य नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं दीं, जैसे इमरान प्रतापगढ़ी ने इसे लोकतंत्र पर धब्बा बताया और संजय सिंह ने कहा कि यह किसानों और मजदूरों के खिलाफ है।


लोकसभा में लंबी बहस के बावजूद असहमति

यह बिल बुधवार को लोकसभा से भी पारित हुआ था। लगभग 14 घंटे की लंबी बहस के बावजूद विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और सेलेक्ट कमेटी की मांग को दोहराता रहा।


VB-G Ram G बिल का सार

VB-G Ram G बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को प्रतिस्थापित करेगा। सरकार का कहना है कि यह ग्रामीण रोजगार को अधिक प्रभावी बनाएगा।


सालाना रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 किए जाएंगे।


फंड शेयरिंग: सामान्य राज्य: 60:40 (केंद्र:राज्य)


पूर्वोत्तर, हिमालयी राज्य और कुछ UTs: 90:10


कृषि बुवाई और कटाई के मौसम में राज्यों को 60 दिन की विशेष अवधि घोषित करने की अनुमति दी जाएगी।