संसद का मानसून सत्र: विपक्ष पर शिवराज सिंह चौहान का हमला

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को हंगामे के साथ शुरू हुआ। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे चर्चा से भाग रहे हैं। उन्होंने भारतीय सेना के साहस की सराहना की और कहा कि विपक्ष को एकजुट होकर सेना का सम्मान करना चाहिए था। जानें इस सत्र में क्या हुआ और शिवराज के बयान का क्या महत्व है।
 | 
संसद का मानसून सत्र: विपक्ष पर शिवराज सिंह चौहान का हमला

संसद का मानसून सत्र शुरू

संसद का मानसून सत्र सोमवार, 21 जुलाई को हंगामे के बीच आरंभ हुआ। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में लगातार हंगामा देखने को मिला, जिसके कारण बार-बार सत्र को स्थगित करना पड़ा। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है और इसे चर्चा से जीवित रखा जाना चाहिए। सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी विषयों पर चर्चा के लिए तत्पर है, लेकिन विपक्ष चर्चा से भाग रहा है और लोकतंत्र को शोरतंत्र में बदल रहा है।




शिवराज ने आगे सवाल उठाया कि विपक्ष चर्चा से क्यों भाग रहा है, जब सरकार बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश भारतीय सेना के साहस और पराक्रम पर गर्व महसूस कर रहा है। ऐसे में मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष को सरकार के साथ खड़े होकर सेना के शौर्य को सम्मानित करना चाहिए था, जिससे यह संदेश जाता कि भारत एकजुट है। लेकिन इसके बजाय, विपक्ष पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है और सेना की क्षमताओं पर सवाल उठा रहा है।




भाजपा नेता ने यह भी कहा कि भारतीय सेना का साहस इतना है कि पाकिस्तान आज तक अपने एयरबेस को ठीक नहीं कर पाया है। हर भारतीय को अपनी सेना पर गर्व है और हम सभी मजबूती से अपनी सेना के साथ खड़े हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि संसद केवल ईंट और सीमेंट का भवन नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र का पवित्र स्थल है।




उन्होंने यह भी लिखा कि आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। यह राष्ट्र निर्माण, जनकल्याण और विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन और सकारात्मक चर्चा का समय है। लोकतंत्र की आत्मा संवाद और सहमति में निहित है। जनता की अपेक्षा है कि सभी राजनीतिक दल परिपक्वता और सहयोग की भावना से देश की प्रगति में योगदान दें। आइए, हम सभी मिलकर संसद की गरिमा को बढ़ाएं और जनसेवा के इस अवसर का पूरा उपयोग करें।