संविधान दिवस पर दिग्विजय सिंह की चिंताएँ और राष्ट्रपति का संदेश
संविधान दिवस पर दिग्विजय सिंह की चिंताएँ
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को 75वें संविधान दिवस के अवसर पर अपनी चिंताओं का इज़हार किया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि क्या हमारी संवैधानिक व्यवस्था सुरक्षित रहेगी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वर्तमान में यह सवाल उठता है कि क्या संवैधानिक संस्थाएँ निष्पक्षता से कार्य करेंगी। उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण कार्य करने का आरोप लगाया और कहा कि मतदाता सूची की जांच के लिए आयोग से अनुरोध किया गया है कि वे सूची साझा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नामों में कोई दोहराव नहीं है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस के अवसर पर संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए संसद सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें डॉ. भीमराव अंबेडकर की याद दिलाता है, जो संविधान के प्रारूपण समिति के अध्यक्ष थे। राष्ट्रपति ने संविधान के प्रारूपण के इतिहास को याद करते हुए कहा कि 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। उन्होंने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह दिन हमारे लिए गर्व का विषय है।
