संविधान दिवस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का अंबेडकर को श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संविधान दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की भूमिका को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नागरिकों को संवैधानिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। इस वर्ष का संविधान दिवस सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के साथ मेल खाता है। जानें इस महत्वपूर्ण दिन के बारे में और क्या कहा गया।
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संविधान दिवस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का अंबेडकर को श्रद्धांजलि

संविधान दिवस का महत्व

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया। यह दिन हर साल 26 नवंबर को 1949 में संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है। मौर्य ने कहा कि इस अवसर पर, मैं संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। यदि बाबा साहेब ने संविधान नहीं बनाया होता, तो देश के वंचित वर्गों को आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिलता। हम यहाँ संविधान दिवस समारोह के लिए एकत्रित हुए हैं। डॉ. बी.आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में बनी प्रारूप समिति संविधान सभा की सबसे महत्वपूर्ण समिति थी।


प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संविधान दिवस पर नागरिकों को एक पत्र लिखकर संवैधानिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भागीदारी को बढ़ावा देने का आह्वान किया। अपने संदेश में, उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता वाली संविधान सभा और डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नेतृत्व वाली प्रारूप समिति के कार्यों को याद किया। उन्होंने सभा की महिला सदस्यों के योगदान का भी उल्लेख किया। मोदी ने वर्ष 2010 का जिक्र किया, जब संविधान ने 60 वर्ष पूरे किए थे, और गुजरात में संविधान गौरव यात्रा का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष संविधान की 75वीं वर्षगांठ संसद के विशेष सत्र और देशभर में सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ मनाई गई थी।


संविधान दिवस का विशेष संदर्भ

प्रधानमंत्री ने बताया कि इस वर्ष का संविधान दिवस सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के साथ मेल खाता है। उन्होंने कहा कि रियासतों के एकीकरण में पटेल की भूमिका और अनुच्छेद 370 से संबंधित निर्णय संवैधानिक प्रक्रियाओं से जुड़े थे।उन्होंने अनुच्छेद 51ए में मौलिक कर्तव्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये कर्तव्य सामाजिक और आर्थिक विकास को दिशा प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2047 और 2049 तक की अवधि, जो स्वतंत्रता के 100 वर्ष और संविधान को अपनाने के 100 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है, दीर्घकालिक राष्ट्रीय परिणामों को आकार देगी।