संभल दंगों की जांच फिर से शुरू करने की मांग, DM ने दी जानकारी

संभल में 1978 के दंगों की जांच फिर से शुरू करने की मांग उठी है। DM राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि भाजपा MLC चंद शर्मा ने विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाया। हालांकि, DM ने स्पष्ट किया कि फिलहाल कोई नई जांच नहीं होगी। SP कृष्ण विश्नोई ने दंगे की दोबारा जांच की अफवाहों को गलत बताया। शासन ने दंगों के संबंध में 5 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। CM योगी ने भी विधानसभा में दंगों का जिक्र किया और NCRB की रिपोर्ट का हवाला दिया।
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संभल दंगों की जांच फिर से शुरू करने की मांग, DM ने दी जानकारी

संभल दंगों की फाइल फिर से खोली जाएगी


संभल में 1978 में हुए दंगों की जांच फिर से शुरू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रशासन ने दंगों की जांच रिपोर्ट की मांग की है। DM राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि भाजपा MLC चंद शर्मा ने विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाया था।


क्या दंगों की नई जांच होगी? इस पर DM ने स्पष्ट किया कि फिलहाल कोई नई जांच नहीं होगी, क्योंकि इस मामले में कोर्ट का फैसला आ चुका है। SP कृष्ण विश्नोई ने कहा कि दंगे की दोबारा जांच की अफवाहें गलत हैं। शासन ने 1978 के दंगों के संबंध में 5 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।


दंगे कब हुए? क्या कारण थे? कितने लोग मारे गए? FIR और कोर्ट में पेश चालान की रिपोर्ट क्या थी? अदालत का फैसला क्या था? 17 दिसंबर 2024 को MLC श्रीचंद शर्मा ने विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि 1978 में दंगों के दौरान कई हिंदुओं को जिंदा जलाया गया और सैकड़ों की हत्या की गई।


उन्होंने विधान परिषद के सभापति से दंगों की दोबारा जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद 6 जनवरी को उप गृह सचिव सत्येंद्र प्रताप सिंह ने SP केके बिश्नोई को एक पत्र लिखकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।


यह पत्र SP ने DM राजेंद्र पेंसिया को लिखा था। SP ने ASP श्रीश्चंद्र को जानकारी देने की जिम्मेदारी सौंपी है। 47 साल पहले, 1978 में संभल में दंगे भड़के थे, जिसमें 184 हिंदुओं की हत्या हुई थी। उस समय शहर में दो महीने तक कर्फ्यू लगा रहा।


सीएम योगी ने 16 दिसंबर को विधानसभा में 1978 के दंगों का जिक्र किया। उन्होंने NCRB की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 1978 में 184 हिंदुओं को जिंदा जलाया गया था। 1947 से अब तक संभल में हुए दंगों में 209 हिंदुओं की हत्या हुई।


सीएम ने कहा कि कुछ लोग घड़ियाली आंसू बहाते हैं, लेकिन निर्दोष हिंदुओं के बारे में कुछ नहीं कहते। 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी। जांच में पता चला कि दीपा सराय इलाके में बिजली चोरी हो रही थी।


150 से अधिक पुलिस जवानों के साथ एक टीम ने 14 दिसंबर को छापा मारा। सुबह 11 बजे टीम खग्गू सराय के बनिया मोहल्ला पहुंची। वहां बिजली चोरी पकड़ी गई और कार्तिकेय महादेव मंदिर भी मिला। इसके बाद 1978 दंगे के पीड़ित परिवार सामने आने लगे।


1978 में दंगे कैसे भड़के, इसकी पड़ताल दैनिक भास्कर ने की थी। 29 मार्च, 1978 को सबसे बड़ा दंगा भड़का था। उस साल 25 मार्च को होली थी। होली जलाने पर तनाव बढ़ा और अफवाह उड़ी कि एक दुकानदार ने दूसरे समुदाय के व्यक्ति को मार दिया।


दंगों के दौरान कई लोग SDM रमेश चंद्र माथुर के ऑफिस में छिपकर जान बचाने लगे थे। कारोबारी बनवारी लाल ने दुकानदारों को अपने साले मुरारी लाल की कोठी में छिपाया था। दंगाइयों ने कोठी का गेट तोड़कर 24 लोगों की हत्या कर दी थी।


संभल के आसपास के हर गांव में लोग मारे गए थे। दंगों में 184 से अधिक लोगों की जान गई थी, जिनमें से कई की लाशें तक नहीं मिलीं।