संजय सिंह ने RSS के 100 साल पर उठाए तीखे सवाल

संजय सिंह के सवाल

संजय सिंह ने RSS से कई सवाल किए हैं
2 अक्तूबर 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने 100 वर्ष पूरे करेगा। इस अवसर पर जहां संघ के शताब्दी समारोह का आयोजन हो रहा है, वहीं विपक्षी नेता संघ पर सवाल उठाने में लगे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने संघ से कुछ महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं, जिन पर विपक्ष लगातार चर्चा कर रहा है।
संजय सिंह ने इस अवसर पर एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा कि RSS के 100 साल पूरे होने पर कुछ तीखे और सच्चे सवाल। उन्होंने पूछा कि 100 वर्षों में एक भी RSS प्रमुख दलित, पिछड़ा या आदिवासी क्यों नहीं बना? जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार बनाने का क्या कारण था? आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों की मुखबिरी क्यों की गई? संघ के सदस्यों को अंग्रेजों की सेना में भर्ती क्यों किया गया? भारत के तिरंगे का विरोध क्यों किया गया? संघ के मुख्यालय पर 52 वर्षों तक तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया? जो राष्ट्र के नहीं हुए, हम उनके नहीं।
100 वर्ष पूरे होने पर RSS से कुछ तीखे , कड़वे और सच्चे सवाल।
100 सालों में 1 भी RSS प्रमुख दलित, पिछड़ा, आदिवासी क्यों नहीं बना ?
जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ मिलकर तुम्हारे आकाओं ने सरकार क्यों बनाई ?
आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारियों की मुखबिरी क्यों की ?
संघ के लोगों को pic.twitter.com/OMvwM0ZeYA
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 1, 2025
कांग्रेस सांसद का बयान
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी इस अवसर पर RSS पर सवाल उठाए। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि क्या अब दिल्ली के स्कूलों में RSS को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा? इसके बाद क्या नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ के रूप में पढ़ाया जाएगा? टैगोर ने कहा कि RSS इतिहास को इसीलिए बदलना चाहती है क्योंकि उसका खुद का कोई इतिहास नहीं है। वह 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल नहीं थी और गांधी की हत्या के समय मौजूद थी।
So now Delhi schools will teach RSS as part of the curriculum? 🤔
Whats next — lessons on Nathuram Godse as a patriot?
RSS wants to rewrite history because it has none.
Absent in the 1942 Quit India movement.
Absent in the struggle against the British.
But present when— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) October 1, 2025
उन्होंने आगे कहा कि अगर बच्चों को RSS की ‘स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका’ पढ़ाई गई, तो क्या उसमें यह नहीं लिखा होगा कि पन्ना जानबूझकर छोड़ा गया है? यह शिक्षा नहीं है। कक्षाएं विज्ञान, ज्ञान और संवैधानिक मूल्यों के लिए होती हैं, न कि ब्रेनवॉश करने के लिए।
उन्होंने कहा कि RSS को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने तिरंगे का विरोध क्यों किया और स्वतंत्रता संग्राम में भाग क्यों नहीं लिया। हमारे बच्चों को सही इतिहास मिलना चाहिए, न कि प्रचार। दिल्ली के स्कूलों में सच पढ़ाया जाना चाहिए, RSS का झूठ नहीं।
पीएम मोदी का समर्थन
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमें संघ के शताब्दी वर्ष जैसा महान अवसर देखने को मिल रहा है। संघ के स्वयंसेवक देश की सेवा में लगे हुए हैं और समाज को सशक्त कर रहे हैं। संघ ने कई बलिदान दिए हैं, लेकिन उनका एक ही भाव रहा है- राष्ट्र प्रथम। उन्होंने कहा कि संघ पर हमले हुए हैं और आजादी के बाद संघ को कुचलने का प्रयास किया गया है।