संजय राउत ने पीएम मोदी की भूमिका पर उठाए सवाल, पाकिस्तान के मुद्दे पर दी प्रतिक्रिया
शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के बारे में स्पष्टता नहीं दी है। राउत ने यह भी पूछा कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में हुआ। उन्होंने पीओके के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के लोगों को विश्वास था कि मोदी इस क्षेत्र को हासिल करेंगे। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
Jun 11, 2025, 13:24 IST
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संजय राउत का बयान
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद विभिन्न देशों में भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के संदर्भ में अपनी भूमिका को स्पष्ट नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी ऐसे आयोजनों का संचालन करते रहते हैं। मंगलवार को, प्रधानमंत्री ने उन सात संसदीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिन्हें प्रमुख साझेदार देशों में भेजा गया था। राउत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी पूछा कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में हुआ था।
पीओके पर संजय राउत की टिप्पणी
संजय राउत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक अपनी भूमिका को स्पष्ट नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश जानना चाहता है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में हुआ। राउत ने पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश के 140 करोड़ लोगों ने यह सोच लिया था कि मोदी पीओके को हासिल करेंगे और पाकिस्तान को ऐसा तमाचा मारेंगे कि वह वापस नहीं आ पाएगा।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति
राउत ने कहा कि देश के लोगों में यह विश्वास था कि मोदी पीओके को लेकर ठोस कदम उठाएंगे और पाकिस्तान को चार टुकड़ों में बांट देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम लाहौर और कराची जाएंगे, और एक अखंड हिंदुस्तान का सपना साकार होगा। विभिन्न दलों के सांसदों, पूर्व सांसदों और प्रतिष्ठित राजनयिकों से मिलकर बने प्रतिनिधिमंडलों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति और विश्व शांति के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर किया। यह प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर के बाद गठित किया गया था, जो जम्मू और कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया थी, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे।