संजय राउत का बीजेपी पर तीखा हमला, रावणों की संख्या बढ़ने का आरोप

महाराष्ट्र में सियासी माहौल गरमाया हुआ है, जहां शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने बीजेपी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि शाह के कार्यकाल में रावणों की संख्या में वृद्धि हुई है और सच बोलने वालों की कमी आई है। राउत ने यह भी कहा कि दिल्ली का रावण जलाने का काम राहुल गांधी करेंगे। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और महाराष्ट्र की सियासत में बढ़ते तनाव के बारे में।
 | 
संजय राउत का बीजेपी पर तीखा हमला, रावणों की संख्या बढ़ने का आरोप

संजय राउत का बीजेपी पर हमला

संजय राउत का बीजेपी पर तीखा हमला, रावणों की संख्या बढ़ने का आरोप


महाराष्ट्र में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। शिवसेना (यूबीटी) और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इसी संदर्भ में, शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने बीजेपी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि शाह के कार्यकाल में रावणों की संख्या में वृद्धि हुई है।

संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अमित शाह की पार्टी के सत्ता में आने के बाद कई रावण उत्पन्न हुए हैं। इसके साथ ही, सच बोलने वालों की संख्या में कमी आई है।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र में इतने रावण पैदा हो गए हैं कि अगर आप एक रावण को खत्म करेंगे, तो 10 नए रावण सामने आ जाएंगे। राउत ने यह भी कहा कि अमित शाह के आने के बाद केवल रावणों की ही बाढ़ आई है, जिससे राम का राज्य समाप्त हो गया है। राम का नाम और विचार भी अब खत्म हो चुके हैं।

दिल्ली का रावण जलाने का इरादा

संजय राउत ने हाल ही में दशहरा के अवसर पर महाराष्ट्र में हो रही बारिश का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण लोगों के मन में यह सवाल था कि रावण को कैसे जलाएं? उन्होंने सुझाव दिया कि रावण को डुबाना पड़ेगा। राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार में कई रावण हैं और दिल्ली के रावण को जलाने का काम राहुल गांधी करेंगे।

बीजेपी पर लगातार हमले

संजय राउत पिछले कुछ दिनों से दशहरा को लेकर तीखे बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में दशहरा पर केवल दो रैलियां होती हैं: एक आरएसएस की और दूसरी शिवसेना की। यही परंपरा वर्षों से चली आ रही है। राउत लगातार बीजेपी और एकनाथ शिंदे पर हमले करते नजर आ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सियासी तापमान और बढ़ सकता है।