श्रीलंकाई महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला: LTTE को फिर से सक्रिय करने की साजिश

श्रीलंकाई महिला की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

सांकेतिक फोटो
एक श्रीलंकाई महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जांच चल रही है। लेटचुमनन मैरी फ्रांसिस्का, जो दिसंबर 2019 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी, पर आरोप है कि उसने भारत में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र बनवाने और निष्क्रिय बैंक खातों से धन निकालने की योजना बनाई थी। यह धन एलटीटीई संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए उपयोग किया जाना था।
एलटीटीई, जिसे तमिल टाइगर्स के नाम से भी जाना जाता है, श्रीलंका में एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। 2 अक्टूबर 2021 को चेन्नई एयरपोर्ट पर फ्रांसिस्का को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह जेल में है। प्रारंभ में, उसके खिलाफ केवल वीजा अवधि से अधिक रुकने और फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला दर्ज किया गया था।
अन्य गिरफ्तारियां और जांच का विस्तार
जांच के दौरान यह सामने आया कि वह एलटीटीई को फिर से सक्रिय करने की साजिश में शामिल थी। उसकी जानकारी पर 7 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया। बाद में यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा गया, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। चूंकि फ्रांसिस्का जेल में थी, इसलिए ईडी की जांच में गति नहीं आ पाई। अब, चेन्नई की अदालत ने ईडी को अनुमति दी है कि वह जेल में ही फ्रांसिस्का से पूछताछ कर सके।
जेल में पूछताछ की तैयारी
ईडी को जेल में लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति दी गई है। फ्रांसिस्का से दो दिन तक पूछताछ की जाएगी। अदालत ने कहा कि यह मामला विशेष है और ईडी के पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। एनआईए ने पहले कहा था कि कुछ लोग एलटीटीई को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं और भारत तथा विदेशों में समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। फ्रांसिस्का का मामला एनआईए द्वारा दर्ज किए गए चार मामलों में से एक है। वर्तमान में, वह पुझल सेंट्रल जेल, चेन्नई में बंद है, और ईडी आने वाले हफ्तों में उससे पूछताछ करेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि फर्जी पहचान और धन के नेटवर्क में कौन-कौन शामिल है।