श्रीनगर में 'अपने कारीगर को जानें' पहल का शुभारंभ

जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग ने श्रीनगर में 'अपने कारीगर को जानें' पहल की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम कश्मीर की शिल्प विरासत को उजागर करने और कारीगरों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। इस पहल के तहत, कारीगरों और उपभोक्ताओं को एक साथ लाकर शिल्प की मानवीय कहानियों और तकनीकों को साझा किया जाएगा। यह आयोजन अगले दो महीनों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत करता है।
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श्रीनगर में 'अपने कारीगर को जानें' पहल का शुभारंभ

श्रीनगर में हस्तशिल्प की नई पहल

जम्मू-कश्मीर के हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग ने श्रीनगर के सुंदर झेलम रिवरफ्रंट पर "अपने कारीगर को जानें" नामक एक नई पहल की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त सचिव विक्रमजीत सिंह ने किया। यह आयोजन अगले दो महीनों में होने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत करता है। इस मौके पर हस्तशिल्प एवं हथकरघा, कश्मीर के निदेशक मुसरत इस्लाम और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।


 


विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि कश्मीर की शिल्प विरासत केवल उत्पादों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सदियों पुरानी परंपराएँ शामिल हैं, जो घाटी की सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक ताने-बाने को परिभाषित करती हैं। उन्होंने कहा, "आज के तेज़-तर्रार बाज़ार में, कुशल कारीगर अक्सर अनदेखे रह जाते हैं और बिचौलियों की छाया में दब जाते हैं।" अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर के हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय ने अपने प्रमुख अभियान "सोलफुल कश्मीर" के तहत "अपने कारीगर को जानें" को एक परिवर्तनकारी मंच के रूप में प्रस्तुत किया है।


 


उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य श्रीनगर के जीवंत सार्वजनिक स्थलों पर कारीगरों और उपभोक्ताओं को एक साथ लाना है, जिससे प्रत्येक शिल्प के पीछे की मानवीय कहानियों, उत्कृष्ट तकनीकों और गहरी विरासत को उजागर किया जा सके। यह पहल रचनाकारों को सीधे बाजार से जोड़कर सशक्त बनाती है और स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करती है।