श्री बांके बिहारी मंदिर में सुधार: वीआईपी पास व्यवस्था समाप्त, दर्शन समय बढ़ा

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर ने अपने दर्शन प्रबंधन में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। वीआईपी पास व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, जिससे सभी भक्तों को समान अवसर मिलेगा। इसके अलावा, दर्शन के समय में वृद्धि की गई है और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा भी जल्द शुरू होगी। जानें और क्या बदलाव किए गए हैं और मंदिर की सुरक्षा को लेकर क्या नई व्यवस्थाएँ लागू की गई हैं।
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श्री बांके बिहारी मंदिर में सुधार: वीआईपी पास व्यवस्था समाप्त, दर्शन समय बढ़ा

श्री बांके बिहारी मंदिर में नई व्यवस्थाएँ

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर, जो भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, ने अपने प्रबंधन और दर्शन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित प्रबंधन समिति ने शुक्रवार को यह जानकारी दी कि वीआईपी पास व्यवस्था को तुरंत समाप्त कर दिया गया है।


वीआईपी पास की समाप्ति

जिला सूचना अधिकारी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब भक्तों को प्राथमिकता वाले दर्शनों के लिए वीआईपी पर्ची खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। मंदिर के भीतर वीआईपी क्षेत्र भी हटा दिया जाएगा, जिससे सभी भक्तों को अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ेगा। यह कदम समानता सुनिश्चित करने और भीड़भाड़ या पक्षपात के आरोपों को कम करने के लिए उठाया गया है।


सुव्यवस्थित प्रवेश और निकास

बयान में आगे बताया गया है कि अगले तीन दिनों में, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भक्तों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रवेश और निकास द्वार निर्धारित करेंगे। इसके साथ ही, मंदिर की सुरक्षा अब पूर्व सैनिकों या पेशेवर सुरक्षा एजेंसियों को सौंपी जाएगी, न कि पुलिस और निजी गार्डों को।


दर्शन के समय में वृद्धि और लाइव स्ट्रीमिंग

मंदिर अब अधिक भक्तों के लिए लंबे समय तक खुला रहेगा। गर्मियों में, दर्शन तीन घंटे और सर्दियों में दो घंटे पैंतालीस मिनट तक बढ़ा दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, दर्शन की लाइव-स्ट्रीमिंग भी जल्द शुरू की जाएगी, जिससे भक्त वर्चुअल माध्यम से ठाकुर जी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।


संरचनात्मक समीक्षा और लेखापरीक्षा

समिति ने मंदिर भवन की संरचनात्मक लेखापरीक्षा कराने का निर्णय लिया है, जो आईआईटी रुड़की द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, 2013 से 2016 के बीच हुई वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं की विशेष लेखापरीक्षा भी की जाएगी, जिसकी रिपोर्ट 15 दिनों में आने की उम्मीद है। मंदिर की चल और अचल संपत्तियों का मूल्यांकन भी किया जाएगा।