श्मशान घाट से गुजरते समय ध्यान रखने योग्य बातें
श्मशान घाट का महत्व और अंतिम संस्कार
हिंदू धर्म में, जब किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो उसका अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया जाता है, जो नदी के किनारे स्थित होता है। यह स्थान आत्माओं का निवास माना जाता है, और इसलिए यहां से गुजरते समय लोगों को डर लगता है। खासकर महिलाओं के लिए इस स्थान पर जाना वर्जित है। इसके अलावा, बिना किसी कारण के यहां जाना भी उचित नहीं समझा जाता।
श्मशान घाट से गुजरते समय ध्यान रखने योग्य बातें
श्मशान घाट को आत्माओं का निवास माना जाता है, इसलिए चंद्रमा के उदय से लेकर सूर्योदय तक किसी जीवित व्यक्ति का वहां से गुजरना उचित नहीं है। रात के समय नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है, जो मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को जल्दी प्रभावित कर सकती हैं। ऐसे में, भावनात्मक रूप से कमजोर व्यक्ति पर बुरी शक्तियों का असर जल्दी हो सकता है।
माँ काली के प्रकोप का सामना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्मशान घाट पर भगवान शिव और माता काली का वास होता है। अंतिम संस्कार के बाद, भगवान शिव मृत आत्माओं को अपने में समाहित कर लेते हैं। किसी जीवित व्यक्ति की उपस्थिति इस प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है, जिससे उस व्यक्ति को माता काली के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं को यहां अधिक खतरा होता है, क्योंकि बुरी आत्माएं उन्हें जल्दी निशाना बना लेती हैं।
महिलाओं के लिए श्मशान घाट में जाने की मनाही
महिलाओं को श्मशान घाट में जाने से मना करने का एक कारण यह भी है कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद उन्हें अपने बाल मुंडवाने पड़ते हैं। इसके अलावा, महिलाएं कोमल होती हैं और मृत व्यक्ति को जलते देख अधिक रोने लगती हैं, जिससे आत्मा को शांति नहीं मिलती। इसलिए, महिलाओं को इस स्थान पर जाने की अनुमति नहीं होती। श्मशान घाट से गुजरते समय ध्यान रखें कि चाँद आसमान में न हो और संभव हो तो दिन के समय ही वहां से गुजरें।