शेयर बाजार की भविष्यवाणी: महंगाई और कंपनियों के नतीजे तय करेंगे दिशा
शेयर बाजार की स्थिति और भविष्यवाणी
अगले हफ्ते शेयर बाजार की संभावनाएं क्या हैं?
पिछले सप्ताह शेयर बाजार में निवेशकों के लिए स्थिति अनुकूल नहीं रही। सीमित कारोबारी सत्रों में भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने गिरावट का सामना किया। बीएसई सेंसेक्स में 722 अंकों की कमी आई, जबकि निफ्टी ने 229 अंक की गिरावट दर्ज की।
अब जब नए कारोबारी सप्ताह की शुरुआत हो रही है, तो हर निवेशक के मन में यह सवाल है कि क्या बाजार इस गिरावट से उबर पाएगा या दबाव और बढ़ेगा? विशेषज्ञों का मानना है कि यह सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव वाला हो सकता है।
इस सप्ताह बाजार की दिशा कई महत्वपूर्ण घटनाओं पर निर्भर करेगी, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले प्रमुख घटनाक्रम शामिल हैं। निवेशकों को महंगाई के आंकड़ों, बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणामों और वैश्विक संकेतों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आइए जानते हैं कि इस सप्ताह कौन से प्रमुख फैक्टर आपकी कमाई पर प्रभाव डाल सकते हैं।
महंगाई के आंकड़े और ब्याज दरों का प्रभाव
इस सप्ताह बाजार की नजरें महंगाई के आंकड़ों पर टिकी रहेंगी। सरकार अक्टूबर महीने के लिए खुदरा महंगाई (CPI) और थोक महंगाई (WPI) के आंकड़े जारी करने वाली है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा के अनुसार, ये आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। इससे पता चलेगा कि देश में महंगाई की स्थिति क्या है। क्या त्योहारी सीजन में कीमतें नियंत्रित रहीं या आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा है?
इन आंकड़ों के आधार पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों के बारे में निर्णय करेगा। एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर का मानना है कि खुदरा महंगाई के आंकड़े निवेशकों को ब्याज दरों के भविष्य के बारे में संकेत देंगे। यदि महंगाई के आंकड़े बढ़ते हैं, तो यह बाजार के लिए नकारात्मक संकेत होगा, क्योंकि इससे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो जाएंगी। इसका सीधा असर बाजार की धारणा पर पड़ेगा।
कंपनियों के तिमाही परिणामों पर नजर
महंगाई के अलावा, यह सप्ताह कंपनियों के तिमाही नतीजों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कई बड़ी कंपनियां अपनी दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के नतीजे पेश करने वाली हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, इस सप्ताह ओएनजीसी, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और ऑयल इंडिया जैसी कंपनियों के प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कंपनियों के मुनाफे, आय में वृद्धि और भविष्य के दृष्टिकोण जैसे पहलू बाजार के मूड को प्रभावित करेंगे। यदि इन कंपनियों के नतीजे उम्मीद से बेहतर आते हैं, तो इससे संबंधित सेक्टरों के शेयरों में तेजी आ सकती है। लेकिन यदि नतीजे कमजोर रहे, तो पिछले सप्ताह की गिरावट का दबाव जारी रह सकता है।
विदेशी निवेशकों का रुख और बाजार की दिशा
घरेलू कारकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संकेत भी इस सप्ताह महत्वपूर्ण होंगे। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, बाजार की आगे की चाल अमेरिका में ‘सरकारी शटडाउन’ के मुद्दे पर निर्भर करेगी।
पोनमुडी आर ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि इस शटडाउन के कारण अमेरिका में कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े समय पर जारी नहीं हो पाए हैं। जब आंकड़े उपलब्ध नहीं होंगे, तो निवेशकों और नीति-निर्माताओं को अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाएगा, जिससे अनिश्चितता का माहौल बनेगा।
इसके अलावा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियां भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण हैं। हाल के समय में FPI भारतीय बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं। इस सप्ताह उनका रुख क्या रहेगा, यह देखना होगा।
इन सबके साथ, रुपये और डॉलर की चाल और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेंगी। साथ ही, अमेरिका, भारत और चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति पर भी निवेशकों की नजर रहेगी.
