शी जिनपिंग की अनुपस्थिति: BRICS सम्मेलन में क्या है राज़?

ब्राजील में होने वाले BRICS सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ हफ्तों से सार्वजनिक रूप से न दिखने के कारण यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या उनकी सत्ता खतरे में है। कुछ रिपोर्ट्स में उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का जिक्र है, जबकि अन्य का कहना है कि पार्टी में उनके खिलाफ विरोध बढ़ रहा है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और चीन की राजनीतिक परिदृश्य में हो रहे बदलावों के बारे में।
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शी जिनपिंग की अनुपस्थिति: BRICS सम्मेलन में क्या है राज़?

BRICS सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति की अनुपस्थिति

6 जुलाई, यानी कल, ब्राजील में BRICS सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें दुनिया की पांच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं—ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका—एक मंच पर एकत्रित होंगी। इस बार की बैठक में एक महत्वपूर्ण चेहरा, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, उपस्थित नहीं रहेंगे।


शी जिनपिंग की अनुपस्थिति इस लिए खास है क्योंकि वे सत्ता में आने के बाद से हर BRICS बैठक में शामिल होते रहे हैं। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग और उप-प्रधानमंत्री हे लीफेंग को भेजा गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जिनपिंग पिछले कई हफ्तों से सार्वजनिक रूप से कहीं नहीं दिखे हैं। न तो उन्होंने कोई बयान दिया है, न ही उनकी कोई तस्वीर सामने आई है। यहां तक कि चीन के सरकारी अखबार 'Peoples Daily' में भी उनका नाम नहीं दिखाई दे रहा है, जबकि आमतौर पर उनका जिक्र होता था।


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इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या जिनपिंग की सत्ता वास्तव में खतरे में है?


क्या स्वास्थ्य समस्या है या सत्ता का संकट?

कुछ रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि जिनपिंग किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, जिसके कारण वे सार्वजनिक रूप से नहीं आ रहे हैं। वहीं, अन्य अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि पार्टी के भीतर विरोध बढ़ रहा है और जिनपिंग को जानबूझकर किनारे किया जा रहा है। बीजिंग के ग्रेट हॉल में विदेशी नेताओं से मुलाकातें अब अन्य नेताओं द्वारा की जा रही हैं, जिनमें जिनपिंग का कोई नाम नहीं है।


चीनी सेना में असंतोष और सत्ता का संतुलन

4 जुलाई को चीन की सरकार ने तीन प्रमुख सैन्य अधिकारियों को अचानक बर्खास्त कर दिया। इनमें जनरल मियाओ हुआ, नौसेना प्रमुख ली हानजुन और सीनियर न्यूक्लियर साइंटिस्ट लियू शिपेंग शामिल हैं। सरकारी बयान में इसका कारण भ्रष्टाचार बताया गया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई भीतर के असंतोष को दबाने की कोशिश है।


CNN-News18 की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में असली शक्ति चीन की सेनाओं के उपाध्यक्ष जनरल झांग यूशिया के हाथ में है, जिनकी वफादारी पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के गुट के साथ है।


शी जिनपिंग की स्थिति में बदलाव

शी जिनपिंग, जो कभी PLA को अपनी ताकत का गढ़ मानते थे, अब उसी सेना से चुनौती का सामना कर रहे हैं। पार्टी में 'शी जिनपिंग थॉट' की चर्चा अब कम होती जा रही है। जिन अधिकारियों को पहले साइडलाइन किया गया था, वे अब धीरे-धीरे वापस आ रहे हैं। उदाहरण के लिए, टेक्नोक्रेट वांग की वापसी और मीडिया में जिनपिंग की छवि का धुंधलाना यह दर्शाता है कि चीजें धीरे-धीरे बदल रही हैं।