शिवसेना सांसद ने ठाकरे परिवार की एकता पर उठाए सवाल

शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने ठाकरे परिवार के पुनर्मिलन को पारिवारिक राजनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र के हित में नहीं है। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में दिए गए उनके बयान में उन्होंने बीएमसी में पिछले 25 वर्षों के अनुभवों का जिक्र किया और आगामी नगर निगम चुनावों में शिवसेना की ताकत पर जोर दिया। शिंदे ने राजनीतिक विरोधियों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का भी जवाब दिया। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या कहा उन्होंने।
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शिवसेना सांसद ने ठाकरे परिवार की एकता पर उठाए सवाल

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का पुनर्मिलन

शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने हाल ही में कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे का एक साथ आना केवल 'ठाकरे परिवार' के भीतर सत्ता बनाए रखने के लिए है। उनका यह बयान इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आया, जहां उन्होंने नगर निगम चुनावों में दोनों भाइयों के एकजुट होने से उत्पन्न चुनौतियों को नकार दिया।


पारिवारिक राजनीति का आरोप

शिंदे ने कहा कि जो लोग एकजुट हो रहे हैं, वे महाराष्ट्र के हित में नहीं, बल्कि पारिवारिक राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बीएमसी में पिछले 25 वर्षों में क्या हुआ है, जिसमें कोविड और भ्रष्टाचार के अनुभव शामिल हैं। उनका ध्यान विकास और नागरिकों की समस्याओं के समाधान पर है।


भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब

शिंदे ने अपने राजनीतिक विरोधियों, विशेषकर ठाकरे परिवार और कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 25 वर्षों तक शासन करने वाली पार्टी ने इन मुद्दों का समाधान नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि वंशवाद की राजनीति से ऊपर उठकर पार्टी की सेवा के लिए प्रतिबद्धता जरूरी है।


शिवसेना की ताकत

शिंदे ने यह भी कहा कि आगामी नगर निगम चुनावों में शिवसेना की वास्तविक ताकत और लोगों के समर्थन का प्रदर्शन होगा। उन्होंने विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि लोगों को पता है कि कौन काम करता है।