शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस का नगर निगम चुनावों में गठबंधन

सांसद संजय राउत ने घोषणा की है कि शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) आगामी नगर निगम चुनावों में एकजुट होकर लड़ेंगी। यह गठबंधन उद्धव और राज ठाकरे के बीच संबंधों में सुधार का प्रतीक है। चुनाव 15 जनवरी को होंगे, जिसमें मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। जानें इस गठबंधन के महत्व और चुनावी रणनीति के बारे में।
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शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस का नगर निगम चुनावों में गठबंधन

शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस का संयुक्त चुनावी मोर्चा

सांसद संजय राउत ने जानकारी दी है कि शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) आगामी नगर निगम चुनावों में एकजुट होकर लड़ेंगी। यह घोषणा अगले सप्ताह होने की संभावना है। इस गठबंधन से शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे, जो पहले एक-दूसरे से अलग हो चुके थे, फिर से एक साथ आएंगे। राज ठाकरे ने 2006 में अविभाजित शिवसेना छोड़कर एमएनएस की स्थापना की थी।


राउत ने कहा कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद दोनों नेताओं के बीच संबंधों में सुधार हो रहा है। उन्होंने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, "गठबंधन की घोषणा में कोई समस्या नहीं है। दोनों भाई मंच पर उपस्थित रहेंगे।"


उन्होंने यह भी बताया कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे को इस गठबंधन में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले का निर्णय स्थानीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है। राउत ने कहा कि राज्य के 29 नगर निगमों में चुनाव होंगे, लेकिन असली मुकाबला मुंबई के लिए होगा, जो संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है।


बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को आयोजित किए जाएंगे। राउत ने कहा कि आगामी सप्ताह में शिवसेना-यूबीटी और मनसे के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जाएगी।


महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई, जो देश का वित्तीय केंद्र भी है, बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा प्रशासित है। एमएनएस नेता बाला नंदगांवकर ने कहा कि वर्तमान में शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस एक साथ आ रहे हैं। यह चुनाव 2022 में शिवसेना और 2023 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विभाजन के बाद का पहला नगर निगम चुनाव होगा।