शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब विधानसभा में प्रस्तावों को संविधान के खिलाफ बताया

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब विधानसभा में 'वीबी-जी राम जी' कानून के खिलाफ प्रस्तावों को संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने राहुल गांधी की टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि वह वास्तविकता से दूर हैं। चौहान ने पंजाब में मनरेगा और अन्य योजनाओं में भ्रष्टाचार के मामलों का जिक्र किया और कहा कि संसद द्वारा पारित कानूनों का पालन करना सभी राज्यों की जिम्मेदारी है। आम आदमी पार्टी ने इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है, जिसे चौहान ने अलोकतांत्रिक बताया।
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शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब विधानसभा में प्रस्तावों को संविधान के खिलाफ बताया

कृषि मंत्री का बयान

केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा में 'वीबी-जी राम जी' कानून के खिलाफ पेश किए गए प्रस्तावों को संविधान और संघीय ढांचे की मूल भावना के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि संसद द्वारा पारित कानूनों का सम्मान करना राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारी है।


भोपाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चौहान ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि वह वास्तविकता से दूर हैं और केवल कल्पना में जीते हैं।


राहुल गांधी पर टिप्पणी

चौहान ने कहा कि बिना मंत्री परिषद और कैबिनेट की सहमति के काम करने की बात करना केवल भ्रम फैलाना है। राहुल गांधी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी अध्ययन के मनरेगा को समाप्त कर दिया।


उन्होंने पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अंध विरोध की राजनीति है, जिसमें कुछ लोग केवल विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं, जो लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं के खिलाफ है।


संविधान की भावना का उल्लंघन

चौहान ने कहा कि यदि संसद में कोई कानून पारित होता है, तो उसके खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाना संविधान की भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह उचित होगा कि जिला पंचायत या ग्राम पंचायत भी राज्य के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें।


उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद द्वारा पारित कानूनों का पालन करना केंद्र और सभी राज्यों की संवैधानिक जिम्मेदारी है।


भ्रष्टाचार के आरोप

चौहान ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब में मनरेगा सहित कई योजनाओं में व्यापक भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, लेकिन न तो दोषियों पर कार्रवाई की गई और न ही गबन की गई राशि की वसूली हुई।


उन्होंने बताया कि पंजाब की 13,304 ग्राम पंचायतों में से केवल 5,915 में सोशल ऑडिट किया गया है, और रिपोर्ट में लगभग 10,653 वित्तीय गबन के मामले सामने आए हैं।


मजदूरों की समस्याएं

चौहान ने कहा कि मनरेगा में जिन गतिविधियों की अनुमति नहीं थी, उन पर भी अनियमित खर्च किया गया है। उन्होंने बताया कि मजदूरों की शिकायतें हैं कि उन्हें मजदूरी नहीं मिल रही है।


उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते, और दूसरी ओर विधानसभा में संसद के कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की बात होती है।


आम आदमी पार्टी का प्रस्ताव

आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा में 'जी राम जी' कानून के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें भाजपा नीत केंद्र सरकार पर मनरेगा को समाप्त करने का आरोप लगाया गया।


राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंड ने विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में इस प्रस्ताव को पेश किया, जिसमें कहा गया कि यह अधिनियम गरीब परिवारों और ग्रामीण मजदूरों पर गंभीर प्रभाव डालेगा।