शिवदीप लांडे का चुनावी सफर: बिहार विधानसभा में मिली हार
शिवदीप लांडे की चुनावी चुनौती
बिहार में 'सिंघम' के नाम से जाने जाने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप डब्ल्यू लांडे ने अररिया और जमालपुर सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों जगहों पर उन्हें सफलता नहीं मिली। अपनी निडर पुलिसिंग और साहसिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध लांडे, अपने पहले चुनावी प्रयास में व्यापक जनसमर्थन के बावजूद प्रमुख पार्टी उम्मीदवारों से काफी पीछे रह गए।
जमालपुर में नचिकेता मंडल की जीत
जमालपुर में जेडीयू के नचिकेता मंडल ने 96,683 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि आईआईपी के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार को 36,228 वोटों के अंतर से हराया। लांडे की उम्मीदवारी के बावजूद, उनकी लोकप्रियता चुनावी परिणामों में नहीं बदल सकी।
अररिया में कांग्रेस की जीत
अररिया में भी परिणाम लांडे के लिए निराशाजनक रहे। कांग्रेस के उम्मीदवार अबिदुर रहमान ने 91,529 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि जेडीयू की शगुफ्ता अजीम को 12,741 वोटों के अंतर से हराया। लांडे की कोशिशें स्थापित राजनीतिक दिग्गजों के सामने नाकाम रहीं।
लांडे का चुनावी हलफनामा
49 वर्षीय शिवदीप डब्ल्यू लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उनके चुनावी हलफनामे में कोई आपराधिक मामला नहीं था, और उनकी संपत्ति 20.4 करोड़ रुपये थी, जबकि देनदारियां 2.7 करोड़ रुपये थीं। अपने पुलिस करियर में अपनी मजबूत कार्रवाई के लिए जाने जाने वाले लांडे को चुनावी सफलता नहीं मिली।
बिहार विधानसभा में एनडीए की जीत
इस बीच, बिहार विधानसभा में एनडीए ने 200 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया, जिससे महागठबंधन का सफाया हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया और बिहार की जनता को 'प्रचंड जनादेश' देने के लिए धन्यवाद दिया।
