शिल्पा शेट्टी ने विदेश यात्रा की अनुमति के लिए याचिका वापस ली

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने मुंबई उच्च न्यायालय में विदेश यात्रा की अनुमति के लिए दायर अपनी याचिका को वापस ले लिया है। उनके और उनके पति राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। शिल्पा के वकील ने बताया कि भविष्य में वे नई याचिका दायर करेंगे। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि जब तक दंपति इस मामले में आरोपी हैं, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आगामी सुनवाई की तारीख।
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शिल्पा शेट्टी ने विदेश यात्रा की अनुमति के लिए याचिका वापस ली

शिल्पा शेट्टी की याचिका का वापस लेना

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह विदेश यात्रा की अनुमति के लिए दायर अपनी याचिका को वापस ले रही हैं।


शिल्पा और उनके पति राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरोप लगे हैं।


वकील का बयान

शिल्पा के वकील निरंजन मुंदरगी ने मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अनखड़ की खंडपीठ के सामने यह जानकारी दी।


उन्होंने कहा, "भविष्य में जब भी शिल्पा और उनके पति विदेश यात्रा करना चाहेंगे, वे अदालत में नई याचिका दायर करेंगे। वर्तमान में शिल्पा इस याचिका पर जोर नहीं दे रही हैं।"


आरोपों का विवरण

इस मामले में शिकायतकर्ता दीपक कोठारी ने आरोप लगाया है कि 2015 से 2023 के बीच दंपति ने उन्हें अपनी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में 60 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन इस राशि का उपयोग उन्होंने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया।


उच्च न्यायालय में याचिका

दंपति ने पिछले महीने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के आदेश पर जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को निलंबित करने का अनुरोध किया था।


उन्होंने अक्टूबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच अपने पेशेवर कार्य और छुट्टियों के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी थी।


न्यायालय का निर्णय

बृहस्पतिवार को न्यायालय ने शिल्पा के आवेदन को स्वीकार कर लिया और दंपति के एलओसी निलंबन याचिका की सुनवाई 17 नवंबर के लिए निर्धारित की।


पिछली सुनवाई में न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि जब तक शिल्पा और राज कुंद्रा धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के मामले में आरोपी हैं, तब तक उन्हें छुट्टी मनाने के लिए यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती।


न्यायालय ने कहा था कि यह याचिका केवल तभी विचाराधीन होगी जब वे 60 करोड़ रुपये जमा करने के लिए तैयार हों।