शिमला में बुजुर्ग पेंशनर को साइबर ठगी का शिकार, 12 लाख रुपये की हानि

शिमला में एक 80 वर्षीय पेंशनर ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर 12 लाख रुपये की भारी राशि खो दी। यह घटना तब हुई जब उन्होंने ऑनलाइन बैंकिंग के लिए अपनी जानकारी साझा की। कुछ ही समय बाद, उनके मोबाइल को हैक कर लिया गया और उनके खाते से पैसे निकाल लिए गए। पुलिस ने बताया कि बुजुर्गों को निशाना बनाने वाले ठगों की संख्या बढ़ रही है। जानें इस ठगी से बचने के उपाय और क्या कदम उठाए गए।
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शिमला में बुजुर्ग पेंशनर को साइबर ठगी का शिकार, 12 लाख रुपये की हानि

साइबर ठगी का मामला

More than 10 transactions done by hacking mobile in Shimla, 12 lakh rupees lost in cyber fraud


शिमला जिले के कुमारसैन में रहने वाले 80 वर्षीय एक पेंशनर ने साइबर ठगों के जाल में फंसकर 12 लाख रुपये खो दिए। पीड़ित ने 6 जून को ऑनलाइन बैंकिंग के लिए बैंक के एप पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा की, जिसके बाद उनके मोबाइल पर एक संदेश आया और उनका फोन हैक हो गया।


मोबाइल हैक होने के बाद, 7 जून की रात लगभग 9:15 बजे, बुजुर्ग के खाते से 10 से 12 बार में कुल 12 लाख रुपये निकाल लिए गए। उन्हें इस ठगी का पता तब चला जब बैंक से लगातार संदेश आ रहे थे। उन्होंने तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क किया और बाद में कुमारसैन थाने में शिकायत दर्ज करवाई।


पुलिस के अनुसार, साइबर ठग अब विशेष रूप से पेंशनरों और बुजुर्गों को अपना निशाना बना रहे हैं, क्योंकि उनके खातों में रिटायरमेंट फंड होता है और वे सोशल मीडिया पर भी अधिक सक्रिय होते हैं। ठगी के लिए फर्जी लिंक, डिजिटल अरेस्ट और अन्य तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।


डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने कहा कि ऐसे मामलों से बचने के लिए सोशल मीडिया पर अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। बैंकिंग और इंटरनेट के लिए अलग-अलग मोबाइल का उपयोग करें और पिन आधारित सुरक्षित एप का इस्तेमाल करें। यदि साइबर ठगी का शिकार हो जाएं, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें।