शिक्षा का उद्देश्य: सेवा और सवाल पूछने की क्षमता विकसित करना

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य केवल सफलता नहीं, बल्कि सेवा और सवाल पूछने की क्षमता विकसित करना भी है। भोपाल में श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल के उद्घाटन के दौरान, उन्होंने भारत-ब्रिटेन के संबंधों को मजबूत करने के लिए शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस कार्यक्रम में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त हरजिंदर कांग ने भी भाग लिया और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई।
 | 
शिक्षा का उद्देश्य: सेवा और सवाल पूछने की क्षमता विकसित करना

शिक्षा का नया दृष्टिकोण

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में कहा कि शिक्षा का मतलब केवल जीवन का निर्माण करना नहीं है, बल्कि उस जीवन में अर्थ जोड़ने और सवाल पूछने की क्षमता विकसित करना भी है।


उन्होंने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘शिक्षा का लक्ष्य केवल यह नहीं होना चाहिए कि ‘मैं कैसे सफल होऊं’, बल्कि यह भी होना चाहिए कि ‘मैं कैसे सेवा करूं’।’’


सिंधिया भोपाल में ब्रिटेन से जुड़े ‘श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल’ के 150 एकड़ के परिसर के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।


इस अवसर पर दक्षिण एशिया के व्यापार आयुक्त और पश्चिमी भारत में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त हरजिंदर कांग ने भी अपने विचार साझा किए।


कांग ने कहा, ‘‘मैं भारत में श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल की शुरुआत के मौके पर उपस्थित होकर बहुत खुश हूं। यह भारत-ब्रिटेन की दोस्ती का एक नया अध्याय है, जो पारस्परिक विकास पर आधारित है।’’


उन्होंने आगे बताया, ‘‘पिछले महीने हमारे प्रधानमंत्रियों ने ‘भारत-ब्रिटेन विजन 2035’ को मंजूरी दी है। इस नई साझेदारी से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। इस दृष्टिकोण में शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी को बेहतर अवसर मिलेंगे।’’


कांग ने यह भी उम्मीद जताई कि भविष्य में भारत और ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन की सदियों पुरानी शिक्षा परंपरा और भारत के नए विचारों को मिलाकर हम युवाओं के लिए विश्वस्तरीय अवसर बना रहे हैं। इससे हमारे युवा आगे बढ़ेंगे और भविष्य को नई दिशा दे सकेंगे।’’