शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मु का संदेश: शिक्षकों की भूमिका पर जोर

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि वे समाज के मार्गदर्शक और राष्ट्र के भविष्य के निर्माता होते हैं। मुर्मु ने सभी से अपील की कि हम एक ऐसा वातावरण बनाएं जहां शिक्षकों का सम्मान हो और विद्यार्थियों में रचनात्मकता का संचार हो। जानें उनके संदेश के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मु का संदेश: शिक्षकों की भूमिका पर जोर

राष्ट्रपति का शिक्षकों के प्रति सम्मान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर देशभर के शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के मार्गदर्शक और राष्ट्र के भविष्य के निर्माता होते हैं।


अपने संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षक दिवस के अवसर पर, मैं सभी शिक्षकों को दिल से शुभकामनाएं देती हूं। यह दिन महान शिक्षाविद्, दार्शनिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती भी है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।’’


राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘‘शिक्षक हमारे समाज के मार्गदर्शक होते हैं और वे राष्ट्र के भविष्य को आकार देते हैं। अपने ज्ञान, विवेक और मूल्यों के माध्यम से, वे विद्यार्थियों में विचारों का विकास करते हैं और उन्हें उत्कृष्टता एवं नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं।’’


उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है, ऐसे में शिक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि वे जिम्मेदार और ज्ञानशील नागरिक तैयार करते हैं।


राष्ट्रपति ने सभी से अपील की कि हम मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाएं जहां शिक्षकों का सम्मान हो और विद्यार्थियों में रचनात्मकता, करुणा एवं नवाचार का संचार हो। उन्होंने कामना की कि हमारे शिक्षक ऐसे प्रबुद्ध विद्यार्थियों का निर्माण करें, जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।