शारदीय नवरात्रि 2025: उपवास तोड़ने के सही तरीके और सावधानियाँ

शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व इस बार विशेष है, क्योंकि यह दस दिनों तक चलेगा। अष्टमी और नवमी के दिन देवी दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। जानें उपवास तोड़ने के सही तरीके और इस दौरान ध्यान रखने योग्य बातें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस पावन अवसर पर सही तरीके से उपवास तोड़ सकते हैं और किन नियमों का पालन करना चाहिए।
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शारदीय नवरात्रि 2025: उपवास तोड़ने के सही तरीके और सावधानियाँ

शारदीय नवरात्रि का महत्व


शारदीय नवरात्रि 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का पर्व विशेष है क्योंकि यह नौ दिनों के बजाय दस दिनों तक चलेगा। इस साल दुर्गा अष्टमी 30 सितंबर को और नवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नवरात्रि के ये दोनों दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। अष्टमी को देवी दुर्गा की पूजा का सबसे शुभ दिन माना जाता है। कुछ लोग अष्टमी को उपवास तोड़ते हैं, जबकि अन्य नवमी को। इसी कारण से लोग अक्सर उपवास तोड़ने के समय को लेकर भ्रमित रहते हैं।


उपवास तोड़ने के लिए सावधानियाँ

शारदीय नवरात्रि 2025: उपवास तोड़ने के सही तरीके और सावधानियाँ

उपवास तोड़ने में सावधानी बरतें।

यदि आप दुर्गा अष्टमी को उपवास तोड़ना चाहते हैं, तो इसे जल्दबाजी में न करें। शास्त्रों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सही विधि का पालन करने पर ही उपवास का पूरा लाभ मिल सकता है। अष्टमी की रात 12 बजे के बाद उपवास तोड़ना अनुचित माना जाता है।

यदि किसी ने पूरे नौ दिनों का उपवास रखा है, तो उन्हें नवमी पूजा के अनुष्ठान के बाद ही उपवास तोड़ना चाहिए। कन्या पूजन (लड़कियों की पूजा) करना और उन्हें भोजन कराना इस अवसर पर शुभ माना जाता है। पूजा के बाद उन्हें उपहार या दक्षिणा देना भी आवश्यक है। उपवास तोड़ने के बाद केवल सात्विक और हल्का भोजन करना उचित माना जाता है।


नवरात्रि के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

क्या ध्यान में रखें

नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूजा स्थल पर चमड़े की वस्तुएं नहीं रखनी चाहिए, न ही पूजा के दौरान उनका उपयोग करना चाहिए। पारणा (उपवास तोड़ने) के समय भी चमड़े की वस्तुएं जैसे पर्स और बेल्ट नहीं पहननी चाहिए।

इसके अलावा, इस त्योहार के दौरान नकारात्मक गतिविधियों से दूर रहना चाहिए। झूठ बोलना, दूसरों का अपमान करना या बुरी आदतों में लिप्त होना मना है। विशेष रूप से अष्टमी और नवमी के दिन किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने से बचना चाहिए।


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