शारदीय नवरात्रि 2025: अद्भुत संयोग और पूजा का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि का आगाज़
नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर, सोमवार से प्रारंभ होगा। यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्तजन व्रत रखते हैं और कठिन साधना करते हैं।
विशेष संयोग का महत्व
ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर एक अद्भुत संयोग बन रहा है, जो कि 1941 के समान है। इस साल की तिथियाँ और पूजा का समय लगभग समान हैं। इन विशेष योगों में देवी मां दुर्गा की पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होगा।
नवरात्रि का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 सितंबर को रात 01:23 बजे आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी, जो 23 सितंबर को रात 02:55 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का महत्व है, इसलिए नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से होगी। इस दिन घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा की जाएगी।
घटस्थापना का शुभ समय
22 सितंबर को घटस्थापना के लिए शुभ समय सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में 11:49 से 12:38 बजे तक घटस्थापना का समय है। भक्तजन अपनी सुविधा के अनुसार इस समय पर कलश स्थापना कर सकते हैं।
1941 का पंचांग और वर्तमान संयोग
1941 में भी शारदीय नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर को हुआ था। उस दिन प्रतिपदा तिथि का संयोग सुबह 07:21 बजे तक था। 2025 में घटस्थापना के दिन ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है, जो कि 21 सितंबर 1941 को भी था। कुल मिलाकर, 84 वर्षों बाद शारदीय नवरात्रि पर कई समान संयोग बन रहे हैं।