शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में भाग लेने से किया इनकार

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में होने वाली बहस में भाग लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कहा कि वह सरकार की आलोचना करने वाली पार्टी की नीति का पालन नहीं कर सकते। थरूर ने इस ऑपरेशन को सफल मानते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की। संसद में हंगामे के बीच, उन्होंने मौनव्रत की बात कही। जानें इस मुद्दे पर और क्या हुआ।
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शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में भाग लेने से किया इनकार

कांग्रेस सांसद का निर्णय

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में होने वाली बहस में भाग लेने के लिए पार्टी नेतृत्व के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। सोमवार को पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। बताया गया है कि पार्टी नेतृत्व ने थरूर से इस विषय पर बहस में शामिल होने के लिए संपर्क किया था। हालांकि, थरूर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह सरकार की आलोचना करने वाली पार्टी की नीति का पालन नहीं कर सकते।


थरूर का रुख

थरूर ने स्पष्ट किया कि वह ऑपरेशन सिंदूर को एक सफल प्रयास मानते हैं और उनका दृष्टिकोण इस मामले में स्थिर है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सदन में बोलने का अवसर मिलता है, तो वह अपनी बात को फिर से दोहराएंगे। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, विपक्ष के नेता के कार्यालय ने थरूर से इस विषय पर बोलने के लिए संपर्क किया था, लेकिन थरूर ने कहा कि वह वही बातें करेंगे जो पहले कह चुके हैं।


संसद में मौनव्रत

संसद के मानसून सत्र के छठे दिन, थरूर ने संकेत दिया कि वह आज बहस में भाग नहीं लेंगे। ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की चर्चा के संदर्भ में पूछे जाने पर, उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "मौनव्रत, मौनव्रत।" थरूर ने एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जो विभिन्न देशों का दौरा कर रहा था और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख को प्रस्तुत कर रहा था। यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।


संसद में हंगामा

ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में हंगामा हुआ। सोमवार को दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही समय बाद, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच कार्यवाही को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया। कई सांसद बैनर लेकर सदन के वेल में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।