शशि थरूर ने असम मंत्री के गोभी खेती बयान की निंदा की
असम मंत्री के बयान पर विवाद
कांग्रेस सांसद शशि थरूर
असम के मंत्री अशोक सिंघल के 'बिहार में गोभी की खेती को मंजूरी' संबंधी बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्षी नेताओं ने इस बयान को 1989 में भागलपुर में मुसलमानों के नरसंहार का महिमामंडन करने वाला बताया है। शशि थरूर ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न तो हिंदू धर्म और न ही राष्ट्रवाद इस तरह के अत्याचारों को सही ठहराते हैं।
हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद, मंत्री सिंघल ने सोशल मीडिया पर गोभी की खेती की तस्वीर साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा कि बिहार ने गोभी की खेती को मंजूरी दी है। इस पोस्ट को यूजर्स ने भागलपुर दंगों से जोड़ते हुए मंत्री पर निशाना साधा।
Bihar approves Gobi farming ✅ pic.twitter.com/SubrTQ0Mu5
— Ashok Singhal (@TheAshokSinghal) November 14, 2025
फूलगोभी के पौधों का संदर्भ
शवों को छिपाने के लिए लगाए फूलगोभी के पौधे
मंत्री के इस पोस्ट पर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि फूलगोभी की तस्वीर 1989 में भागलपुर में हुई हिंसा का स्पष्ट संदर्भ है, जिसमें कई मुसलमानों की हत्या कर उनके शवों को खेतों में दफनाया गया था।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
यूजर ने शशि थरूर से कही ये बात
एक यूजर ने मंत्री की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक कैबिनेट मंत्री चुनावी जीत का जश्न मनाने के लिए 116 मुसलमानों के नरसंहार का महिमामंडन कर रहे हैं। उन्होंने थरूर से पूछा कि क्या वह इस नरसंहार की निंदा करवा सकते हैं।
Im not a community organiser, so joint statements are not my job. But as a passionate advocate of #InclusiveIndia and a proud Hindu, I can speak for myself, and for most Hindus I know, in saying that neither our faith nor our nationalism requires, justifies or condones such https://t.co/Wd1tprR3r6
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 16, 2025
थरूर का जवाब
शशि थरूर ने दिया जवाब
थरूर ने मंत्री के गोभी की खेती वाले पोस्ट का अप्रत्यक्ष रूप से जवाब देते हुए कहा कि वह सामुदायिक आयोजक नहीं हैं, लेकिन एक समावेशी भारत के समर्थक होने के नाते, वह यह कह सकते हैं कि न तो उनका धर्म और न ही राष्ट्रवाद ऐसे नरसंहारों को उचित ठहराता है।
कांग्रेस नेता की निंदा
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने की निंदा
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि मंत्री द्वारा 'गोभी की खेती' वाली छवि का उपयोग राजनीतिक विमर्श में एक नए निम्न स्तर को दर्शाता है। उन्होंने इसे अश्लील और शर्मनाक बताया, यह कहते हुए कि यह 1989 के भागलपुर नरसंहार से जुड़ी हुई है।
टीएमसी सांसद की आलोचना
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने भी की आलोचना
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने भी इस पोस्ट की आलोचना की, यह कहते हुए कि 'गोभी की खेती' का मतलब 1989 में मुसलमानों के सामूहिक नरसंहार का महिमामंडन करना है।
1989 की सांप्रदायिक हिंसा
क्या है मामला
बिहार में सांप्रदायिक हिंसा 24 अक्टूबर 1989 को शुरू हुई थी, जिसमें हजारों लोग मारे गए और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। भागलपुर में मुसलमानों की हत्या कर उनके शवों को फूलगोभी के बागानों के नीचे छिपा दिया गया था। इस प्रकार, मंत्री का गोभी की खेती को मंजूरी देने वाला पोस्ट इस हिंसा से जोड़ा जा रहा है।
