शनिवार को तेल खरीदने से बचें: जानें इसके पीछे का कारण और उपाय
शनिदेव का दिन
शनिदेव का दिन
हिंदू धर्म में, सोमवार भगवान शिव के लिए और रविवार सूर्य देव के लिए समर्पित है। इसी तरह, शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में शनिदेव को कर्मफलदाता कहा गया है, जो लोगों को उनके कार्यों के अनुसार फल देते हैं। शनिवार के दिन कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं, जिनमें से एक सरसों का तेल खरीदना है। इस लेख में हम जानेंगे कि शनिवार को सरसों का तेल क्यों नहीं खरीदना चाहिए, इसके नुकसान क्या हैं, और यदि गलती से खरीद लिया तो क्या उपाय करें।
शनिवार को तेल खरीदने से क्यों बचें?
शनिवार को तेल क्यों नहीं खरीदना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनिवार को तेल खरीदना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे शनिदेव का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके बजाय, शनिवार को तेल का दान करना और शनिदेव को तेल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
तेल न खरीदने के कारण
शनिवार को तेल न खरीदने के कारण
शनिदेव का दुष्प्रभाव: शनिवार को तेल खरीदने से शनिदेव का नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
आर्थिक-स्वास्थ्य समस्याएं: मान्यताओं के अनुसार, शनिवार को तेल खरीदने से आर्थिक परेशानियों और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
शनि का घर में प्रवेश: शनिवार को तेल खरीदने से शनि के दुष्प्रभाव को घर में प्रवेश करने का निमंत्रण माना जाता है।
अगर शनिवार को तेल खरीद लिया तो क्या करें?
शनिवार को तेल खरीद लिया तो क्या करें?
यदि आपने शनिवार को सरसों का तेल खरीद लिया है, तो आप नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर इसके अशुभ प्रभावों को कम कर सकते हैं:
- शनिदेव को अर्पित: शनिवार को खरीदे गए तेल का थोड़ा सा भाग शाम को शनिदेव को अर्पित करें।
- तेल का दान: शनिवार को खरीदे गए बचे हुए तेल का कुछ हिस्सा किसी जरूरतमंद को दान करें।
- दीपक जलाएं: शनिवार शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनिदेव की पूजा करें।
- मंत्र जाप: शनिवार को शनिदेव के मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का जाप करें।
- बाकी तेल का उपयोग: ये सभी उपाय करने के बाद बचे हुए तेल का सामान्य उपयोग कर सकते हैं।
(यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है।)
