शनि की वक्री चाल: चार राशियों के लिए खुशियों का आगमन

शनि का मीन राशि में वक्री होना

शनि 13 जुलाई को मीन राशि में प्रवेश करते हुए वक्री होने जा रहे हैं। यह स्थिति 139 दिनों तक, यानी 28 नवंबर तक जारी रहेगी। ज्योतिष के अनुसार, जब कोई ग्रह वक्री होता है, तो इसका अर्थ है कि वह उल्टी दिशा में चल रहा है, जिससे उसके प्रभाव में वृद्धि होती है। हालांकि, इस समय जिन राशियों पर शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव है, उनके लिए यह समय सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा।
कर्क राशि: खुशियों का आगमन
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री चाल अत्यंत शुभ साबित होगी। शनि नवम भाव में वक्री होंगे, जिससे कर्क राशि के लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में सफलता और धन लाभ प्राप्त होगा। इस दौरान जीवन में खुशियों का अनुभव होगा और भाग्य का साथ मिलेगा। विद्यार्थियों के लिए यह समय उच्च शिक्षा में सफलता दिलाने वाला रहेगा।
सिंह राशि: मुनाफे का समय
सिंह राशि के लिए शनि की वक्री चाल भी लाभकारी रहेगी। इस समय शनि अष्टम भाव में हैं, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होगा और मेहनत का फल मिलेगा। व्यापारियों के लिए यह समय समृद्धि का संकेत है, और उन्हें कई लाभकारी अवसर मिल सकते हैं।
कुंभ राशि: लाभकारी समय
कुंभ राशि के लोगों के लिए शनि की वक्री चाल अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगी। इस अवधि में वे विभिन्न डील्स के माध्यम से लाभ कमा सकते हैं। यदि आप निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह सबसे उपयुक्त समय है। कोर्ट कचहरी के मामलों में भी सफलता मिलने की संभावना है।
मीन राशि: धन लाभ की संभावना
मीन राशि के जातकों के लिए शनि की वक्री चाल अपार सफलता लेकर आएगी। इस दौरान उन्हें विभिन्न स्रोतों से धन लाभ हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का अवसर मिलेगा और वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
अन्य राशियों को भी मिलेगा लाभ
ज्योतिष के अनुसार, वक्री ग्रह का प्रभाव प्रतिकूल होता है, लेकिन यदि किसी की कुंडली में वह ग्रह वक्री अवस्था में है, तो वह शुभ फल भी दे सकता है। कुंभ और मीन राशियों पर शनि का प्रभाव पहले से ही प्रतिकूल था, लेकिन अब वक्री होने पर वे शुभ फल देंगे।