वेंकैया नायडू का 76वां जन्मदिन: एक प्रेरणादायक राजनीतिक यात्रा
आज, 01 जुलाई को, वेंकैया नायडू अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक प्रमुख राजनीतिक नेता, जिन्होंने हमेशा जनसेवा को प्राथमिकता दी है। उनके जीवन की यात्रा, शिक्षा, और राजनीतिक करियर की महत्वपूर्ण घटनाओं पर एक नजर डालें। जानें कैसे उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई और उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी भूमिका निभाई।
Jul 1, 2025, 12:01 IST
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जन्मदिन की शुभकामनाएं
आज, 01 जुलाई को, भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने हमेशा राष्ट्र और जनसेवा को प्राथमिकता दी है। अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से लेकर उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद तक, उन्होंने भारतीय राजनीति की जटिलताओं को सरलता और विनम्रता से पार किया है। उनकी हाजिरजवाबी और वाकपटुता के लिए उन्हें जाना जाता है, और वह विकास से जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय व्यक्त करते हैं। आइए, उनके जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियों पर नजर डालते हैं...
जन्म और शिक्षा
वेंकैया नायडू का जन्म 01 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेल्लोर के वी.आर. हाई स्कूल से प्राप्त की और फिर वी.आर. कॉलेज से राजनीति और राजनयिक अध्ययन में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1974 में, वह आंध्र विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष बने।
राजनीतिक सफर
वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश में छात्र नेता के रूप में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। प्रारंभिक दौर में ही उन्होंने अपनी प्रतिभा, वक्तृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल का परिचय दिया। उन्होंने संघ के साथ काम करना पसंद किया और व्यक्तिगत हितों को विचारों से ऊपर रखा। बाद में, उन्होंने जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी को मजबूत किया। 1978 में, जब आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में मतदान हुआ, तब भी नायडू ने जीत हासिल की।
पांच साल बाद, जब एनटीआर की लोकप्रियता अपने चरम पर थी, तब भी नायडू भाजपा के विधायक चुने गए। उनकी इस जीत ने दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी के भविष्य के लिए आधार तैयार किया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में, जब उनसे पूछा गया कि वह किस मंत्रालय में काम करना चाहेंगे, तो उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्राथमिकता दी। एक मंत्री के रूप में, 'प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना' को लागू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। वह 2000 से 2004 तक भाजपा के अध्यक्ष भी रहे।
2014 में, जब एनडीए सरकार ने सत्ता संभाली, तब नायडू ने शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल के दौरान 'स्वच्छ भारत मिशन' और अन्य शहरी विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की गईं।
उपराष्ट्रपति पद
2017 में, वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया। 05 जुलाई 2017 को हुए चुनाव में, उन्होंने गोपालकृष्ण गांधी को हराकर भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए। 11 अगस्त 2017 को उन्होंने उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया और 10 अगस्त 2022 तक इस पद पर रहे।
सम्मान
2024 में, वेंकैया नायडू को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।