विहिप ने मंदिर विवाद की जांच की मांग की

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने दक्षिण कन्नड़ के एक प्रसिद्ध मंदिर से जुड़े विवादों की जांच की मांग की है। विहिप का कहना है कि यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य मंदिर की प्रतिष्ठा को धूमिल करना है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ स्वार्थी तत्वों ने गलत सूचनाओं के माध्यम से मंदिर की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और विहिप के आरोपों के बारे में।
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विहिप ने मंदिर विवाद की जांच की मांग की

विहिप की जांच की मांग

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने दक्षिण कन्नड़ के एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल से जुड़े विवादों की गहन जांच की मांग की है। इसके लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कार्रवाई की अपील की गई है।


विहिप ने इसे कर्नाटक के मंदिर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया है। विहिप के सचिव शरण पम्पवेल ने एक बयान में कहा कि कुछ स्वार्थी तत्वों ने जानबूझकर गलत सूचनाओं के जरिए मंदिर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। यह जानकारी कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा निर्मित दृश्यों और वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर फैलाने का आरोप लगाया गया है।


उन्होंने यह भी बताया कि इन अभियानों पर करोड़ों रुपये खर्च होने की बात सामने आई है, जो कथित तौर पर विदेशी धन से समर्थित हैं। बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने भारत की आलोचना करते हुए इन कथाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, जिससे मंदिर को नकारात्मक रूप में दर्शाया गया है।


विहिप के अनुसार, स्थानीय जानकारी से पता चलता है कि प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े संगठनों ने मंदिर के खिलाफ इस अभियान को समर्थन दिया है। विहिप ने यह आरोप भी लगाया है कि विदेशी संपर्क अप्रत्यक्ष रूप से उन गतिविधियों का समर्थन कर रहे हैं, जो भारतीय कानून का उल्लंघन करती हैं।