विश्व स्ट्रोक दिवस: ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम और बचाव के उपाय

विश्व स्ट्रोक दिवस पर, जानें ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और इसके खतरनाक होने की स्थिति। हर साल लाखों लोग इस गंभीर स्थिति का सामना करते हैं। जानें कैसे पहचानें और इससे बचें। यह जानकारी आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
 | 
विश्व स्ट्रोक दिवस: ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम और बचाव के उपाय

ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

विश्व स्ट्रोक दिवस: ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम और बचाव के उपाय

ब्रेन स्ट्रोक का खतराImage Credit source: Getty Images

विश्व स्ट्रोक दिवस: ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति अचानक रुक जाती है या रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों का नियंत्रण खो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 1.5 करोड़ लोग इस स्थिति का सामना करते हैं, जिनमें से करीब 50 लाख की मृत्यु हो जाती है। स्ट्रोक के प्रमुख कारणों में रक्त के थक्के, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और अस्वस्थ जीवनशैली शामिल हैं। धूम्रपान, मोटापा और मधुमेह भी इस खतरे को बढ़ाते हैं.


ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

ब्रेन स्ट्रोक के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अचानक चेहरे, हाथ या पैर में सुन्नपन या कमजोरी, बोलने या समझने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि, चक्कर आना या संतुलन खोना इसके मुख्य संकेत हैं। कभी-कभी मरीज को तेज सिरदर्द भी हो सकता है। यह समस्या 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अधिक होती है, विशेषकर उन लोगों में जिन्हें उच्च रक्तचाप, मधुमेह या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है। इसके अलावा, धूम्रपान करने वाले, शराब का सेवन करने वाले और अधिक तनाव में रहने वाले लोग भी अधिक जोखिम में होते हैं। यदि परिवार में स्ट्रोक का इतिहास है, तो खतरा और बढ़ जाता है.


ब्रेन स्ट्रोक कब बनता है खतरनाक?

ब्रेन स्ट्रोक कब बनता है खतरनाक?

दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के पूर्व न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. दलजीत सिंह के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक तब गंभीर हो जाता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह पूरी तरह से रुक जाता है या अत्यधिक रक्तस्राव होता है। ऐसी स्थिति में मस्तिष्क की कोशिकाएं कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं, जिससे स्थायी लकवा, बोलने में कठिनाई, याददाश्त में कमी या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है.

यदि 3 से 4 घंटे के भीतर उपचार शुरू नहीं किया गया, तो मरीज के बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है। हेमरेजिक स्ट्रोक, यानी जब मस्तिष्क में रक्तस्राव होता है, उसे सबसे गंभीर माना जाता है। इसके अलावा, यदि स्ट्रोक बार-बार होता है या मरीज को हृदय रोग भी है, तो खतरा और बढ़ जाता है। इसलिए प्रारंभिक संकेतों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें.


ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपाय

कैसे बचें?

नियमित रूप से रक्तचाप और शुगर स्तर की जांच करें.

धूम्रपान और शराब से दूर रहें.

संतुलित आहार लें और वजन को नियंत्रित रखें.

रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें.

तनाव को कम करें और पर्याप्त नींद लें.

यदि परिवार में स्ट्रोक का इतिहास है, तो समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएं.