विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: डिप्रेशन के प्रारंभिक संकेत और इसके खतरनाक होने की स्थिति

डिप्रेशन का खतरा

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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस: हर साल लाखों लोग डिप्रेशन से प्रभावित होते हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 28 करोड़ लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं। यह केवल एक मानसिक स्थिति नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर मानसिक समस्या है, जो व्यक्ति के सोचने, महसूस करने और जीने के तरीके को प्रभावित करती है। डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति में लगातार उदासी, निराशा और आत्मविश्वास की कमी होती है। यदि समय पर पहचान और उपचार नहीं किया गया, तो यह रोजमर्रा के कार्यों, रिश्तों और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लंबे समय तक तनाव, रिश्तों में अस्थिरता, आर्थिक या करियर में असफलता, अकेलापन, हार्मोनल परिवर्तन, नींद की कमी या गंभीर बीमारी का सामना करना। कभी-कभी आनुवंशिक कारण भी डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं। संवेदनशील व्यक्तियों में, जो जीवन की घटनाओं को गहराई से महसूस करते हैं या बार-बार चिंता में रहते हैं, डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, महिलाओं में हार्मोनल उतार-चढ़ाव और युवाओं में सोशल मीडिया का दबाव भी एक महत्वपूर्ण कारण बन रहा है. मानसिक और भावनात्मक समर्थन की कमी भी इस स्थिति को बढ़ा देती है.
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण और खतरनाक स्थिति
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण क्या हैं? ये कब बन जाता है खतरनाक?
गाजियाबाद जिला MMG हॉस्पिटल के मनोरोग विभाग के डॉ. ए.के. विश्वकर्मा के अनुसार, डिप्रेशन की शुरुआत अक्सर धीरे-धीरे होती है। इसके प्रारंभिक लक्षणों में लगातार उदासी, काम में रुचि की कमी, भूख या नींद के पैटर्न में बदलाव और खुद को बेकार या दोषी महसूस करना शामिल हैं। व्यक्ति को ऐसा लग सकता है कि जीवन में कुछ अच्छा नहीं बचा या उसे किसी चीज़ में खुशी नहीं मिलती। जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होती है, व्यक्ति लोगों से दूरी बनाने लगता है, बातचीत करना बंद कर देता है और एकांत में रहना पसंद करता है.
गंभीर डिप्रेशन में व्यक्ति के विचार आत्महत्या या आत्म-हानि की ओर बढ़ने लगते हैं। यह वह स्थिति होती है जब तुरंत मनोवैज्ञानिक या मनोरोग विशेषज्ञ की सहायता आवश्यक होती है। यदि किसी व्यक्ति में लंबे समय तक ये संकेत दिखाई दें, तो उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर पहचान और उपचार से डिप्रेशन को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है.
डिप्रेशन से बचाव के उपाय
कैसे करें बचाव
अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय, किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें.
स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद लें.
व्यायाम, योग या ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें.
सोशल मीडिया का उपयोग सीमित करें.
यदि लगातार उदासी या निराशा महसूस हो, तो काउंसलर या डॉक्टर से सलाह लें.
अपने शौक और पसंदीदा गतिविधियों के लिए समय निकालें.