विश्व डायबिटीज दिवस: जानें डायबिटीज के लक्षण और रोकथाम के उपाय

विश्व डायबिटीज दिवस पर, जानें कि कैसे डायबिटीज के लक्षणों को पहचानें और इस बीमारी से बचने के उपाय क्या हैं। विशेषज्ञ डॉ. निखिल टंडन के अनुसार, डायबिटीज के मामले अब कम उम्र में भी देखे जा रहे हैं। सही खानपान और नियमित व्यायाम से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। जानें इसके लक्षण और रोकथाम के उपाय, ताकि आप स्वस्थ रह सकें।
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विश्व डायबिटीज दिवस: जानें डायबिटीज के लक्षण और रोकथाम के उपाय

डायबिटीज के लक्षण और रोकथाम

विश्व डायबिटीज दिवस: जानें डायबिटीज के लक्षण और रोकथाम के उपाय

डायबिटीज के लक्षणImage Credit source: Getty images

आज विश्वभर में विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जा रहा है। आईसीएमआर के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज से प्रभावित हैं। इस बीमारी का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि अधिकांश लोग इसके लक्षणों से अनजान होते हैं। कई बार लक्षणों का पता काफी देर से चलता है, जब तक कि बीमारी बढ़ नहीं जाती। डायबिटीज के कारण, प्रकार और शुरुआती लक्षणों के बारे में जानकारी के लिए हमने दिल्ली एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी एवं मेटाबॉलिज्म विभाग के प्रमुख डॉ. निखिल टंडन से बातचीत की है।

डॉ. निखिल बताते हैं कि डायबिटीज के अधिकांश मरीजों को इसके लक्षणों का ज्ञान नहीं होता। अक्सर लोग किसी अन्य बीमारी के इलाज के दौरान टेस्ट करवाते हैं और तभी उन्हें पता चलता है कि वे डायबिटीज से ग्रसित हैं।

डॉ. निखिल के अनुसार, डायबिटीज दो प्रकार की होती है: टाइप-1 और टाइप-2। टाइप-1 जेनेटिक होती है, जबकि टाइप-2 का संबंध गलत खानपान और खराब जीवनशैली से है।

टाइप-1 डायबिटीज का मतलब है कि शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता। यह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में पाई जाती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है। दूसरी ओर, टाइप-2 डायबिटीज तब होती है जब शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। यदि आपका वजन अधिक है या परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो इसका खतरा बढ़ जाता है।

कम उम्र में टाइप-2 डायबिटीज का बढ़ता खतरा

डॉ. निखिल बताते हैं कि कुछ दशकों पहले टाइप-2 डायबिटीज के मामले 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक थे, लेकिन अब यह 15 से 20 वर्ष के युवाओं में भी देखी जा रही है। यह स्थिति चिंताजनक है।

डॉ. टंडन का कहना है कि खराब खानपान, व्यायाम की कमी और बिगड़ी हुई जीवनशैली के कारण कम उम्र में डायबिटीज का खतरा बढ़ रहा है। यदि यह बीमारी हो जाती है, तो इसे केवल नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है।

डायबिटीज के प्रारंभिक लक्षण

अधिक भूख लगना

डॉ. निखिल बताते हैं कि जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो ग्लूकोज़ सेल्स में नहीं जा पाता, जिससे अधिक भूख लगती है।

अधिक पेशाब आना

डायबिटीज वाले लोगों को सामान्य से अधिक बार पेशाब जाना पड़ता है, क्योंकि शरीर किडनी से ग्लूकोज़ को अवशोषित नहीं कर पाता।

मुंह का सूखना

पेशाब के कारण शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है, जिससे मुंह सूख सकता है।

खुजलीदार त्वचा

त्वचा भी सूखी हो सकती है, जिससे खुजली का अनुभव हो सकता है।

धुंधला दिखना

तरल पदार्थ के स्तर में बदलाव से आंखों के लेंस सूज सकते हैं, जिससे धुंधला दिख सकता है।

डॉ. निखिल कहते हैं कि ये सभी लक्षण हर व्यक्ति में नहीं होते, लेकिन यदि आपको इनमें से कोई समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।

डायबिटीज से बचने के उपाय

डॉ. निखिल का कहना है कि जीवनशैली में बदलाव टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में मदद कर सकते हैं। यदि आपका वजन अधिक है या परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो रोकथाम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

यदि आपको प्रीडायबिटीज है, तो जीवनशैली में बदलाव से आप टाइप-2 डायबिटीज को रोक सकते हैं।

अपने जीवनशैली में बदलाव करके आप भविष्य में डायबिटीज से संबंधित गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि वजन नियंत्रित रखें, नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें और अच्छी नींद लें।