विपक्षी नेताओं की बैठक में विशेष सत्र की मांग पर चर्चा
नई दिल्ली में आयोजित विपक्षी नेताओं की बैठक में संसद के विशेष सत्र की मांग को लेकर चर्चा की गई। सपा सांसद राम गोपाल यादव ने चिंता व्यक्त की कि भारत का कोई भी अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिला है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि 16 राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। आरजेडी सांसद मनोज झा ने ट्रंप के बयानों से भारत की भावनाओं को आहत होने की बात कही। जानें इस बैठक के प्रमुख बिंदु और विपक्ष की रणनीति।
Jun 3, 2025, 13:51 IST
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नई दिल्ली में विपक्षी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक
नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इंडिया अलायंस के तहत विपक्षी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संसद के विशेष सत्र की मांग पर एक आम सहमति बनाना था। बैठक के बाद सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि हमें यह जानने की आवश्यकता है कि किन देशों ने भारत का समर्थन किया है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि कोई भी देश भारत के पक्ष में नहीं आया, जो कि एक गंभीर मुद्दा है। कूटनीतिक मोर्चे पर हमारी स्थिति कमजोर हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध विराम की घोषणा की।
सपा नेता ने आगे कहा कि जनता का मानना है कि हमें युद्ध विराम के लिए मजबूर किया गया है। ट्रंप की घोषणा के बाद भारत का अंतरराष्ट्रीय सम्मान गिरा है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बताया कि प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र पर 16 राजनीतिक दलों के हस्ताक्षर हैं, जो इसे सामान्य पत्र नहीं मानते। विपक्ष जनता की आवाज है और वे चाहते हैं कि देश में हुई घटनाओं पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि ट्रंप के सुझाव पर युद्ध विराम की घोषणा की गई थी, तो फिर विपक्ष के बार-बार अनुरोध के बावजूद विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जा सकता? क्या हमें इसके लिए ट्रंप के पास जाना चाहिए? आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि ट्रंप ने 15 दिनों में 13 बार बयान दिए हैं, जिससे भारत की भावनाएं आहत हुई हैं। यदि संसद बुलाई जाती है, तो हम एकजुट होकर बात करेंगे। यह केवल सरकार और विपक्ष का मामला नहीं है, बल्कि जवाबदेही का मामला है।
प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने वाले दलों की सूची में आम आदमी पार्टी का नाम न होने पर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी ने उसी मुद्दे पर पत्र लिखा है। एनसीपी और एससीपी के नाम न होने पर संजय राउत ने कहा कि शरद पवार उनके साथ हैं और वह उनसे बात करेंगे।