विदेश मंत्री जयशंकर का आतंकवाद पर कड़ा संदेश और सिंधु जल संधि का निलंबन
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में आतंकवाद और सिंधु जल संधि पर महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने पहलगाम हमले को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि दोषियों को दंडित करना आवश्यक है। जयशंकर ने सिंधु जल संधि के निलंबन का कारण पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का समर्थन बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दशक में आतंकवाद को वैश्विक एजेंडे में शामिल करने में सफलता प्राप्त की है। जानें उनके विचार और कड़े कदमों के बारे में।
Jul 30, 2025, 13:01 IST
|

विदेश मंत्री का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में पहलगाम हमले को पूरी तरह अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को दंडित करना और पीड़ितों को न्याय दिलाना अत्यंत आवश्यक है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान, जयशंकर ने स्पष्ट किया कि 22 अप्रैल से 16 जून के बीच राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुआ।
सिंधु जल संधि पर टिप्पणी
सिंधु जल संधि के निलंबन पर जयशंकर ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने बताया कि यह संधि कई दृष्टिकोण से अनोखी है, क्योंकि किसी देश ने अपनी प्रमुख नदियों को बिना अधिकार के दूसरे देश में प्रवाहित करने की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन नहीं छोड़ता, तब तक यह संधि स्थगित रहेगी।
आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई
जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दशक में आतंकवाद को वैश्विक एजेंडे में शामिल करने में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने उल्लेख किया कि मसूद अज़हर और अब्दुल रहमान मक्की जैसे आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिबंधित करवाने में भारत सफल रहा है। इसके अलावा, उन्होंने 26/11 के मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत वापस लाने की बात भी की।
भारतीय कूटनीति की सफलता
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवादियों को वापस लाने में प्रमुख देशों के साथ द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से सफलता हासिल की है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय कूटनीति ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को अमेरिका से आतंकवादी संगठन घोषित करवाने में सफलता प्राप्त की है।