विदेश मंत्री एस जयशंकर की यूरोप यात्रा: आतंकवाद पर चर्चा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना

यूरोप यात्रा का उद्देश्य
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को यूरोप के लिए एक सप्ताह की यात्रा शुरू की है, जिसमें वह फ्रांस, यूरोपीय संघ और बेल्जियम के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराना है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद की यात्रा
जयशंकर की यह यात्रा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के एक महीने बाद हो रही है। उम्मीद है कि वह यूरोपीय नेताओं को सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ नई दिल्ली के दृष्टिकोण से अवगत कराएंगे।
फ्रांस में द्विपक्षीय वार्ता
जयशंकर अपने दौरे के पहले चरण में फ्रांस जाएंगे, जो भारत का एक स्थायी मित्र है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, वह पेरिस और मार्सिले में अपने समकक्ष मंत्री जीन नोएल बैरट के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा, वह ‘मेडिटरेनीयन रायसीना डायलॉग’ के पहले संस्करण में भी भाग लेंगे।
ब्रसेल्स में रणनीतिक वार्ता
ब्रसेल्स में, जयशंकर यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि काजा कलास के साथ रणनीतिक वार्ता करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-यूरोपीय संघ की साझेदारी हाल के वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत हुई है।
बेल्जियम में बातचीत
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में, जयशंकर बेल्जियम के नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। मंत्रालय ने कहा कि भारत और बेल्जियम के बीच संबंध मजबूत और मैत्रीपूर्ण हैं, जिसमें व्यापार, हरित ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, और दवा जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है।
भारतीय समुदाय से संवाद
जयशंकर बेल्जियम के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रीवोट के साथ द्विपक्षीय विचार-विमर्श करेंगे और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगे।