विजयदशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मनाई शस्त्र पूजा, पूर्व राष्ट्रपति भी रहे शामिल

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजा का आयोजन किया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। इस अवसर पर संघ ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। भागवत ने इस कार्यक्रम में आधुनिक और पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन किया और संघ के संस्थापक को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस खास मौके पर एक लेख लिखा, जिसमें संघ के विकास और चुनौतियों का उल्लेख किया गया।
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विजयदशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मनाई शस्त्र पूजा, पूर्व राष्ट्रपति भी रहे शामिल

RSS प्रमुख की शस्त्र पूजा

विजयदशमी पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मनाई शस्त्र पूजा, पूर्व राष्ट्रपति भी रहे शामिल

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने की शस्त्र पूजा

गुरुवार को नागपुर में विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने ‘शस्त्र पूजा’ का आयोजन किया। यह पूजा संघ के मुख्यालय रेशमबाग मैदान में संपन्न हुई। इस दौरान पारंपरिक और आधुनिक हथियारों के मॉडल प्रदर्शित किए गए, जिनमें पिनाका एमके-1, पिनाका एन्हांस और ड्रोन शामिल थे।

इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित रहे। भागवत ने इस अवसर पर संघ के संस्थापक बलिराम हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।

RSS का शताब्दी समारोह

RSS ने विजयादशमी के दिन अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए। इस विशेष अवसर पर नागपुर में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 20,000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। देशभर में संघ की 83,000 से अधिक शाखाओं में विजयादशमी का उत्सव मनाया जा रहा है।

संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी, जिसे डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने स्थापित किया था। मोहन भागवत 2009 से संघ के प्रमुख हैं और वह संघ के छठे सरसंघचालक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का लेख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने RSS के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने संघ के कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने संस्थापक हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि संघ की प्राथमिकता हमेशा देश का विकास रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में भी संघ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मोदी ने लिखा कि संघ को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जैसे ऊंच-नीच की भावना और कुप्रथाएं। उन्होंने कहा कि संघ ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और अब इसके पास एक रोडमैप भी है।