विक्रम भट्ट पर धोखाधड़ी का आरोप: 30 करोड़ की FIR दर्ज

फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट पर 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। डॉ. अजय मुर्डिया ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि भट्ट ने उनकी पत्नी की बायोपिक बनाने के नाम पर पैसे लिए। जांच में सामने आया है कि जिन वेंडर्स को भुगतान किया गया, वे फर्जी थे। इसके अलावा, उदयपुर पुलिस ने भट्ट और अन्य आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। भट्ट ने इस मामले में अपनी बेगुनाही का दावा किया है।
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विक्रम भट्ट पर धोखाधड़ी का आरोप: 30 करोड़ की FIR दर्ज

विक्रम भट्ट और अन्य पर धोखाधड़ी का मामला

विक्रम भट्ट पर धोखाधड़ी का आरोप: 30 करोड़ की FIR दर्ज

विक्रम भट्ट, जो प्रसिद्ध फिल्म निर्माता महेश भट्ट के भाई और पूजा-आलिया भट्ट के चाचा हैं, पर हाल ही में 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। यह मामला तब शुरू हुआ जब डॉ. अजय मुर्डिया, जो इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक हैं, ने 17 नवंबर को विक्रम भट्ट और सात अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कराई। मुर्डिया का कहना है कि उन्हें दिनेश कटारिया द्वारा पत्नी की बायोपिक बनाने का प्रस्ताव मिला था, जिससे उन्होंने फिल्म के माध्यम से अपनी पत्नी के योगदान को उजागर करने की योजना बनाई थी।

डॉ. मुर्डिया ने विक्रम भट्ट से बायोपिक बनाने के लिए संपर्क किया था, जिसमें यह तय हुआ कि फिल्म का पूरा प्रबंधन भट्ट करेंगे और उन्हें केवल वित्तीय सहायता प्रदान करनी होगी। विक्रम भट्ट ने मुर्डिया को बताया कि उनकी पत्नी और बेटी भी फिल्म निर्माण में शामिल हैं। इसके बाद, दोनों के बीच 'बायोनिक' और 'महाराणा' नामक फिल्मों के लिए 40 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ।

हालांकि, जांच में यह सामने आया कि जिन वेंडर्स को भुगतान किया गया, वे फर्जी थे। मुर्डिया ने इंदिरा एंटरटेनमेंट LLP के खाते से 3 लाख रुपये का भुगतान किया, लेकिन यह पता चला कि भुगतान के बाद बड़ी राशि विक्रम भट्ट की पत्नी के खाते में ट्रांसफर की गई।

पिछले सप्ताह उदयपुर पुलिस ने विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी सहित छह आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया। सभी आरोपियों को 8 दिसंबर तक पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। विक्रम भट्ट ने इस मामले में कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला और उन्होंने मीडिया के माध्यम से इस मामले की जानकारी प्राप्त की।

भट्ट ने कहा कि उन्हें लगता है कि राजस्थान पुलिस को गुमराह किया जा रहा है और उन्होंने पिछले 30 वर्षों में कभी ऐसा अनुभव नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रोड्यूस की जा रही फिल्म में देरी का कारण तकनीशियनों को भुगतान न करना था।