वास्तु शास्त्र: घर के मुख्य द्वार पर शीशा लगाने के दुष्प्रभाव

क्या आप जानते हैं कि घर के मुख्य द्वार पर शीशा लगाना वास्तु शास्त्र के अनुसार अशुभ माना जाता है? यह नकारात्मक ऊर्जा को वापस भेजता है और सकारात्मक ऊर्जा को रोकता है। जानें इसके दुष्प्रभाव और क्यों इसे हटाना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र: घर के मुख्य द्वार पर शीशा लगाने के दुष्प्रभाव

मुख्य द्वार पर शीशा लगाने का महत्व


लोग अक्सर अपने घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए मुख्य द्वार पर नमक की पोटली या शुभ चिन्ह लगाते हैं। हालांकि, कुछ लोग मुख्य द्वार पर शीशा भी लगाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, आईना एक ऐसी वस्तु है जो ऊर्जा को टकराकर वापस भेज देती है। इस कारण, यदि घर के मुख्य द्वार पर शीशा लगाया जाए, तो नकारात्मक ऊर्जा तो लौटती है, लेकिन सकारात्मक ऊर्जा भी वापस चली जाती है, जिससे घर में प्रवेश नहीं कर पाती।


शीशा लगाने के दुष्प्रभाव

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे पर शीशा लगाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से तरक्की रुक जाती है और आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होती है। इसके अलावा, दरिद्रता घर में प्रवेश कर सकती है। इसलिए, वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर शीशा नहीं होना चाहिए और यदि पहले से लगा है, तो उसे हटाना बेहतर है।


आपने कई घरों में मुख्य द्वार पर शीशा देखा होगा। यह देखने में आकर्षक लग सकता है, लेकिन वास्तव में यह आपके घर में वास्तु दोष ला सकता है। इससे घर की शांति प्रभावित होती है और अशांति का माहौल बनता है। इसलिए, यदि आपके घर के मुख्य दरवाजे के पास शीशा है, तो उसे तुरंत हटा दें।