वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में न लाने योग्य चीजें
घर में वस्तुओं का प्रभाव
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हमारे चारों ओर की वस्तुएं हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं। कई बार ऐसा होता है कि जब कोई नई चीज हमारे घर में आती है, तो उसके बाद खुशियों और उन्नति का सिलसिला शुरू हो जाता है।
हालांकि, कभी-कभी कुछ वस्तुएं घर में आ जाती हैं, जिससे समस्याओं का आगाज हो जाता है, और हम समझ नहीं पाते कि यह सब क्यों हो रहा है।
वास्तु के अनुसार न लाने योग्य वस्तुएं
वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसी वस्तुओं का उल्लेख किया गया है, जिन्हें घर में नहीं लाना चाहिए। यदि ये वस्तुएं घर में आ जाएं, तो समझिए कि आपने अपने घर में समस्याओं को आमंत्रित किया है।
सुख-शांति के उपाय
घर को एक मंदिर के रूप में देखा जाता है, और इसका वातावरण हमारे जीवन पर असर डालता है। यदि घर का माहौल अनुकूल नहीं है, तो यह सभी सदस्यों के जीवन को प्रभावित करता है। यदि आपके घर में सुख-शांति की कमी है, तो नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप इसे सुधार सकते हैं।
हर कोई चाहता है कि उसके घर में सुख-शांति बनी रहे। लेकिन आजकल ऐसे घरों की संख्या कम है, जहां कोई विवाद न होता हो। यदि आपके घर में अक्सर विवाद होते हैं, तो इन उपायों को आजमाएं।
वास्तु और ज्योतिष के अनुसार उपाय
शनिवार को स्नान के बाद एक पीपल के पेड़ से एक पत्ता तोड़कर लाएं। उस पर सफेद चंदन से गायत्री मंत्र लिखें और उसकी पूजा करें। इसे किसी छिपे स्थान पर रखें। यदि आप धन-संपत्ति की कामना करते हैं, तो इसे अपने कैश बॉक्स में भी रख सकते हैं। हर शनिवार इसे बदलते रहें। इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
एक मुट्ठी गुड़, नमक, गेहूं और दो सिक्के सफेद कपड़े में बांधकर घर में रखें। इससे घर में झगड़े नहीं होते। इसे सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार या रविवार को सूर्यास्त से पहले करें।
यदि परिवार में झगड़े होते हैं, तो परिवार का मुखिया रात को अपने पलंग के नीचे एक लोटा जल रखें और रविवार को छोड़कर सुबह स्नान के बाद "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:" का जाप करते हुए जल पीपल को चढ़ाएं। इससे परिवार में प्रेम और शांति का माहौल बनेगा।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
यदि घर में तालमेल की कमी है, तो टूटे बर्तन, कांच, और अनुपयोगी सामान को तुरंत बाहर निकालें। इससे रिश्तों में सुधार होगा।
सुबह भजन लगाना न भूलें और झाड़ू को खड़ा न रखें। बिस्तर पर बैठकर खाना न खाएं, और जूते-चप्पल को सही जगह रखें।
पूजा का समय सुबह 6 से 8 बजे के बीच होना चाहिए। पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
घर में जंगली जानवरों की तस्वीरें न लगाएं, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। पानी के फव्वारे की तस्वीरें भी व्यय को बढ़ाती हैं।
