वाराणसी में बाढ़ का संकट: गंगा का जलस्तर बढ़ा, हजारों लोग प्रभावित

वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का संकट गहरा गया है। 84 घाटों का संपर्क टूट गया है और तीन हजार से अधिक मंदिर जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय निवासियों ने चिंता जताई है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो सभी सीढ़ियाँ भी डूब जाएंगी। इस संकट के कारण लगभग 50,000 लोग प्रभावित हुए हैं। जानें इस गंभीर स्थिति के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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वाराणसी में बाढ़ का संकट: गंगा का जलस्तर बढ़ा, हजारों लोग प्रभावित

गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार


वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.26 मीटर को पार कर गया है, जिससे 84 घाटों का संपर्क टूट गया है। इस स्थिति के कारण तीन हजार से अधिक मंदिर जलमग्न हो गए हैं, जिसमें शीतला घाट पर स्थित मां का मंदिर भी शामिल है। जल पुलिस की चौकी भी पानी में डूब चुकी है। जिलाधिकारी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।


स्थानीय निवासियों ने चिंता जताई है कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो सभी सीढ़ियाँ भी जलमग्न हो जाएंगी। शनिवार रात 12 बजे गंगा का जलस्तर 71.71 मीटर तक पहुँच गया। इसके बाद गंगा शहर में प्रवेश कर चुकी है।


श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार से गंगा 14 सीढ़ी नीचे बह रही है। दशाश्वमेध घाट की केवल तीन सीढ़ियाँ ही सुरक्षित हैं। शीतला घाट का मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, और सिंधिया घाट पर रत्नेश्वर महादेव के मंदिर का केवल कुछ हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। नमो घाट पर बने स्कल्पचर भी पानी में डूब गए हैं। लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं।


अस्सी घाट पर गंगा का पानी सड़क पर बह रहा है और जगन्नाथ मंदिर के गेट के पास पहुँच गया है। बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है। सामनेघाट स्थित अघोर फाउंडेशन के पास से महेशनगर कॉलोनी में पानी भर गया है। पूरे शहर में लगभग 50,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।


गंगा और वरुणा नदी के जलस्तर में निरंतर वृद्धि ने तटीय क्षेत्रों के हजारों निवासियों की समस्याएँ बढ़ा दी हैं। शनिवार को वरुणा नदी में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक 12 फीट की वृद्धि दर्ज की गई।