वर्जिन अटलांटिक की फ्लाइट में तकनीकी समस्या, इस्तांबुल में इमरजेंसी लैंडिंग

वर्जिन अटलांटिक एयरलाइंस की फ्लाइट VS301 में मिड-एयर तकनीकी गड़बड़ी के कारण इस्तांबुल में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। लगभग 250 यात्रियों ने इस अनुभव को साझा किया, जिसमें पायलट की तत्परता की सराहना की गई। हालांकि, एयरलाइन की ओर से यात्रियों को दी गई सुविधाओं पर सवाल उठाए गए हैं। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और एयरलाइन का आधिकारिक बयान।
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वर्जिन अटलांटिक की फ्लाइट में तकनीकी समस्या, इस्तांबुल में इमरजेंसी लैंडिंग

फ्लाइट VS301 में आई तकनीकी गड़बड़ी

वर्जिन अटलांटिक एयरलाइंस की फ्लाइट VS301 में उड़ान के दौरान तकनीकी समस्या उत्पन्न हुई, जिसके कारण इसे इस्तांबुल में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। यह फ्लाइट दिल्ली से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी और इसमें लगभग 250 यात्री सवार थे। पायलट की तत्परता और निर्णय लेने की क्षमता ने एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।


यात्रियों का अनुभव

फ्लाइट में सवार एक यात्री, निदा सैफी ने बताया कि उन्हें मिड-एयर में तकनीकी समस्या का पता चला और इमरजेंसी लैंडिंग की आवश्यकता थी। हालांकि क्रू कुछ घबराया हुआ था, लेकिन पायलट ने स्थिति को संभाल लिया। कुछ यात्रियों ने विमान के इंजन में समस्या होने का दावा किया, लेकिन एयरलाइन ने इसकी पुष्टि नहीं की।


इमरजेंसी लैंडिंग के बाद की स्थिति

इस्तांबुल में सुरक्षित लैंडिंग के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली, लेकिन इसके बाद की स्थिति और भी कठिनाई भरी थी। डैन मल्होत्रा नामक एक यात्री ने ट्वीट किया कि लगभग 250 यात्री घंटों से फंसे हुए हैं, और न तो कोई पूछने वाला है और न ही खाने-पीने का कोई इंतजाम। केके चौधरी ने भी इस स्थिति को शर्मनाक बताया।


एयरलाइन का आधिकारिक बयान

वर्जिन अटलांटिक ने यात्रियों को एक औपचारिक पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट की। कंपनी ने कहा कि फ्लाइट को एक मामूली तकनीकी समस्या के कारण इस्तांबुल डायवर्ट किया गया है। लंदन से एक वैकल्पिक विमान भेजा गया है, जो रात 10:55 बजे उड़ान भरेगा। यात्रियों के लिए टर्मिनल में रिफ्रेशमेंट और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है।


पिछली घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब वर्जिन अटलांटिक को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में कई फ्लाइट्स में तकनीकी कारणों से रूट डायवर्जन या कैंसलेशन की घटनाएँ हुई हैं। उदाहरण के लिए, अप्रैल 2025 में लंदन-मुंबई फ्लाइट को तुर्की में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी, जिसमें यात्री 40 घंटे तक फंसे रहे।


सवाल और चिंताएँ

इन घटनाओं में एक समानता रही है कि यात्रियों को लंबे इंतजार और सीमित सुविधाओं का सामना करना पड़ा। यह सवाल उठता है कि क्या बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं को संयोग कहा जा सकता है और क्या मामूली तकनीकी समस्या बताकर यात्रियों की जान को जोखिम में डालना उचित है।