वकीलों के काले कोट पहनने के पीछे का रहस्य

क्या आपने कभी सोचा है कि वकील काले रंग का कोट क्यों पहनते हैं? इस लेख में हम इस सवाल का उत्तर खोजते हैं। जानें काले कोट के पीछे के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारण। यह जानकारी आपको वकीलों के पहनावे की गहराई में ले जाएगी और आपको उनके पेशे के महत्व को समझने में मदद करेगी।
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वकीलों के काले कोट पहनने के पीछे का रहस्य

वकील काले रंग का कोट क्यों पहनते हैं?

वकीलों के काले कोट पहनने के पीछे का रहस्य


यदि आपने कभी अदालत का दौरा किया है, तो आपने देखा होगा कि सभी वकील काले कोट में होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि वे ऐसा क्यों करते हैं? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है, लेकिन शायद ही किसी ने इसके बारे में गहराई से सोचा हो। इस लेख में, हम इस प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास करेंगे कि वकील हमेशा काले रंग का कोट क्यों पहनते हैं।


वकील काले रंग का कोट क्यों पहनते हैं?



  • काले रंग का कोट पहनना वकीलों के लिए अनुशासन और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। यह पहनावा उन्हें अन्य पेशों से अलग पहचान देता है। भारत में, 1961 में एडवोकेट एक्ट के तहत वकीलों के लिए काला कोट पहनना अनिवार्य किया गया था।



  • काला रंग शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। यह आज्ञा पालन और पेशी का संकेत देता है, जिससे वकील न्याय के प्रतीक माने जाते हैं। वकीलों की शर्ट पर सफेद बैंड पवित्रता और भोलेपन का प्रतीक होता है।



  • काले रंग को शोक का प्रतीक माना जाता है। इंग्लैंड में, जब किंग चार्ल्स का निधन हुआ, तब सभी वकील काले कोट में शोक सभा में शामिल हुए थे। तब से, वकीलों के लिए काले कोट पहनना अनिवार्य हो गया।



  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, काला रंग गर्म किरणों को अवशोषित करता है। अदालत में बहस के दौरान वातावरण गर्म हो जाता है, जिससे वकील पसीने में भीग जाते हैं। गर्मी को सहन करने के लिए वे काला कोट पहनते हैं।



  • काला रंग दृष्टिहीनता का प्रतीक भी है। कानून को अंधा माना जाता है, और यह मान्यता है कि दृष्टिहीन व्यक्ति पक्षपात नहीं करता। इसलिए, वकील काले रंग का कोट पहनकर निष्पक्षता के लिए लड़ते हैं।


उपरोक्त कारणों से वकील अदालत में काले रंग का कोट पहनते हैं। हमें उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आपको हमारा लेख पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें।